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मध्य प्रदेश के फतेहगढ़ के पास ग्राम गणेशपुरा चर्चित हत्याकांड

अभी 2 दिन पहले मध्य प्रदेश के ग्राम गणेशपुर चर्चित हत्याकांड आप सभी ने सुना होगा यह हत्या एक किसान की नहीं अपितु संपूर्ण देश की हत्या हुई है।

हत्याकांड 8 अक्टूबर को ही मृतक किसान ने थाने में आवेदन देकर मांगी थी सुरक्षा, अब तक 14 में से 4 आरोपी पकड़े फतेहगढ़ में गुंडागर्दी : किसान ने पुलिस से मांगी थी सुरक्षा, दबंगों ने दे दी मौत; वारदात करने वाले 14 आरोपियों पर दर्ज
भास्कर संवाददाता | गुना / फतेहगढ़
गणेशपुरा हत्याकांड के बाद मंगलवार को पुलिस और
गुंडागर्दी देखिए.... ट्रैक्टर - थार चढ़ाई,
मृतक के परिजनों ने भास्कर को बताए दरिंदों के ये हैं चेहरे
प्रशासन सक्रिय हुआ। गुना के साथ शिवपुरी से एक घंटे तक नहीं जाने दिया अस्पताल
अतिरिक्त पुलिस बल बुलाकर
तैनात कर दिया गया। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, कमिश्नर मनोज खत्री, आईजी अरविंद सक्सेना, कलेक्टर किशोर कन्याल, एसपी अंकित सोनी मौके पर पहुंचे। आरोपी के साथ पीड़ित के घर बड़ी संख्या में बल तैनात रहा। आरोपी महेंद्र नागर का मृतक रामस्वरूपा अवैध ट्रांसफार्मर उठा लिया, कब्जे की जमीन पर गड्ढे खोद दिए गए। उससे संबंध रखने वाले कर्मचारियों पर भी गाज गिरी। लेकिन, यह सब कुछ हुआ एक किसान रामस्वरूप नागर की निर्मम मौत के बाद यदि पुलिस सजग होती तो पहले ही इस घटना को रोका जा सकता था।

मृतक रामस्वरूप नागर ने खुद 8 अक्टूबर को थाने पहुंचकर कन्हैयालाल, महेंद्र नागर, गौमत, मीतू, नवीन, हरीश नागर आदि से जान का खतरा बताया था और सुरक्षा की मांग की थी। आवेदन के विदन के अनुसार रामस्वरूप
पर 26 अगस्त को उसका ट्रैक्टर तोड़ दिया था, 4 सितंबर को खेत प आकर फायरिंग करने, 7 अक्टूबर को कार से पीछा कर हथियार लहराकर धमकाने का आरोप लगाया था। आरोपी मृतक को परेशान कर रहे थे और सूचना के बाद भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।

अंततः पूरी योजना के साथ 14-15 लोगों ने 26 अक्टूबर को पहले से घात लगाकर खेत पर जा रहे रामस्वरूप नागर की उसके परिवार के सामने निर्मम हत्या कर दी। आरोपियों ने उसे ट्रैक्टर और थार कार से कुचला उसकी बेटी और भतीजी के कपड़े फाड़ दिए। 14 आरोपियों पर केस दर्ज किया है जिसमें से 4 को गिरफ्तार कर लिया गया है। मुख्य आरोपी महेंद्र के सरेंडर की चर्चा शाम 6 बजे से ही थी और फिर रात करीब पौने 8 बजे उसे पुलिस फतेहगढ़ थाने लेकर आई। पुलिस के अनुसार उसे सेन बोर्ड चौराहे से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने अब तक चार मुख्य आरोपी हुकुम सिंह, महेंद्र नागर, जितेंद्र नागर और लोकेश को गिरफ्तार कर लिया है। 8 टीमें आरोपियों को तलाश रही हैं।
महेंद्र नागर
नितेश 1 केस
जितेंद्र 2 केस
प्रिंस 2 केस
लोकेश 7 केस
नवीन- 2 केस
गीतम-3 केस
हरीश-3 केस
हैं 41 केस
आरोपी से मिलकर लौट आया की बेटी ने बताया कि जब उन्हें (रामस्वरूप
इलाज नहीं मिलने दिया, एएसआई
मृतक
नागर)

अस्पताल ले जाने का प्रयास किया तो आरोपियों ने हथियार निकाल लिए। इलाज के लिए नहीं ले जाने दिया। थाना पुलिस नदारद रही जबकि सूचना दे दी गई थी। एएसआई रामगोपाल तोमर घटना के बाद महेंद्र के पास पहुंचा और मेल-मुलाकात करके आ गया। आईजी ने यह बात सामने आने पर उसे सस्पेंड कर दिया। वहीं एक पटवारी का आरोपी से मेलजोल सामने आने पर कमिश्नर ने कार्रवाई के लिए कहा। अवैध बिजली कनेक्शन होने पर सुपरवाइजर को भी सस्पेंड कर दिया गया है।

दिग्विजय और कांग्रेस नेता भी पहुंचे
दोपहर में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह और बमोरी विधायक ऋषि अग्रवाल भी पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे। पीड़ित परिवार ने सिंह को बताया कि वे 8 अक्टूबर को ही आवेदन दे चुके थे, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। इस पर उन्होंने आश्चर्य जताया और प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि कहां है डबल इंजन सरकार।

भास्कर इनसाइट आरोपी महेंद्र नागर ने राज्य की सीमा ही बदल दी, गांजे के पौधे भी मिले निष्कासित भाजपा नेता व आरोपी महेंद्र नागर के दबदबे का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उसने राज्य की सीमा को ही बदल दिया। गणेशपुरा राजस्थान बॉर्डर पर है। यहां मृतक के घर के सामने महेंद्र ने फार्म हाउस और दुकान बना रखी है। दुकान और फार्म हाउस का अधिकांश हिस्सा राजस्थान की सीमा में आता है, लेकिन महेंद्र ने जहां से उसकी दुकान शुरू होती है वहां पर मध्यप्रदेश की सीमा शुरू होने की मुही गाड़ दी। जब मंगलवार को अधिकारियों ने जांचा तो यह राजस्थान में निकली। कमिश्नर और अधिकारियों के सामने महेंद्र से पीड़ित कई लोग सामने आए और बताया कि उनकी जमीनों पर भी उसका कब्जा है। महेंद्र के फार्म में गांजे के पौधे मिलने की बात भी सामने आई।

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