
अखिल भारतीय जांगिड़ ब्राह्मण महासभा आध्यात्मिक प्रकोष्ठ का आध्यात्मिक भजन ब्रह्मर्षि अंगिरा जी के गीत.........
अखिल भारतीय जांगिड़ ब्राह्मण महासभा के आध्यात्मिक प्रकोष्ठ की और से यह आध्यात्मिक भजन प्रस्तुत है। जो ब्रह्मर्षि अंगिरा जी और उनके वंशजों की महिमा का वर्णन करता है। भजन में अथर्ववेद और विश्वकर्मा जी को महत्व दिया गया है।
प्रस्तोता- घेवरचन्द आर्य पाली
ब्रह्मर्षि अंगिरा जी के गीत गाता जा,
अथर्ववेद के मंत्रों को गुनगुनाता जा।
तू विश्वकर्मा जी के गीत गाता जा,
तू अर्थवेद को पढ़कर विज्ञान फैलाता जा।
ब्रह्मर्षि अंगिरा जी के वंशज बढ़ते जाएं,
आध्यात्मिक प्रकोष्ठ का प्रचार करता जा।
अंगिरा वंशज सुथार बने हुए ओबीसी,
उन जांगिड़ों को ब्राह्मण बनाता जा।
ब्रह्मर्षि अंगिरा जी के गीत ..........
ब्रह्मर्षि अंगिरा जी के अनुयायी बनकर,
तू वेदो का ज्ञान विज्ञान फैलाता जा।
नहीं होने पावे कोई जांगिड़ अधर्मी,
तू अथर्ववेद की शिक्षा दिलाता जा।।
ब्रह्मर्षि अंगिरा जी के गीत .........
ब्रह्मर्षि अंगिरा जी के चरणों में शीश झुकाकर,
नित्य संध्या हवन तू करता जा।
अगर अंगिरा जी की है तेरे मन में श्रद्धा,
तू अथर्ववेद का स्वाध्याय करता जा।।
ब्रह्मर्षि अंगिरा जी के गीत..........
ब्रह्मर्षि अंगिरा जी के समाज को आगे बढ़ाकर,
तू आध्यात्मिक घूंटी पिलाएं जा।
नहीं रहने पावे ओ बी सी भाई कोई,
समाज के पिछड़ेपन का दाग मिटाता जा।
ब्रह्मर्षि अंगिरा जी के गीत.........
ब्रह्मर्षि अंगिरा जी के आशीर्वाद से,
तू सत्यपाल को आदर्श बनाता जा।
अपने घरों की कुरीतियां मिटाकर,
तू जांगिड़ समाज को ब्राह्मण बनाता जा।
ब्रह्मर्षि अंगिरा जी के गीत..........
ब्रह्मर्षि अंगिरा जी के नाम को ऊंचा करके,
तू यज्ञोपवीत और जनेऊ पहनता जा।
विप्र की प्रतीक सिर पर चोटी धारण कर,
तू जांगिड़ समाज का नाम रोशन करता जा॥
ब्रह्मर्षि अंगिरा जी के गीत..............