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छठ पूजा महापर्व का भव्य आयोजन 'पनकी छठ धाम', कानपुर

कानपुर, [आज 28 अक्टूबर 2025] - लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा का आयोजन कानपुर के पनकी नहर स्थित 'पनकी छठ धाम' में इस वर्ष भी अत्यंत श्रद्धा और उल्लास के साथ किया गया। पूर्वांचल भोजपुरी सेवा समिति द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया और भक्तिमय वातावरण में छठ मैया तथा भगवान सूर्य की आराधना की।

कार्यक्रम की मुख्य झलकियाँ:

भव्य सजावट और लाइटिंग: पनकी नहर के दोनों किनारों को रंग-बिरंगी रोशनी, तोरण द्वारों और स्टार लाइट्स से भव्य रूप से सजाया गया था। रात के समय यह नजारा अद्भुत और मनोहारी था, जैसा कि संलग्न तस्वीरों और वीडियो में देखा जा सकता है।

सूर्य देव का रथ: घाट पर भगवान सूर्य का रथ, जिसमें सात श्वेत घोड़े जुते हुए हैं, की एक सुंदर और विशाल प्रतिमा स्थापित की गई थी, जिसके सम्मुख खड़े होकर श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना की और तस्वीरें लीं।

देवताओं की प्रतिमाएँ: सूर्य देव के रथ के अतिरिक्त, भगवान शिव की एक विशाल प्रतिमा भी स्थापित की गई थी, जो भक्तों के आकर्षण का केंद्र रही।

राजनीतिक उपस्थिति और सहयोग: आयोजन स्थल पर लगे विशाल बोर्ड से ज्ञात होता है कि यह कार्यक्रम 'पूर्वांचल भोजपुरी सेवा समिति' द्वारा आयोजित किया गया, जिसमें समिति के अध्यक्ष उमाशंकर यादव, महामंत्री हृदेश पाठक और कोषाध्यक्ष राजेश यादव का उल्लेख है। साथ ही, देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ और स्थानीय नेता श्री सुरेन्द्र मैथानी (विधायक) के चित्र भी लगाए गए थे, जो यह दर्शाता है कि इस आयोजन को उच्च-स्तरीय समर्थन और सहयोग प्राप्त था।

भक्तिमय माहौल: रात के समय घाटों पर भजन-कीर्तन और छठ मैया के गीत बज रहे थे, जिससे वातावरण पूरी तरह से भक्ति और उल्लास में डूबा रहा। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ ने डूबते और उगते सूर्य को अर्घ्य देकर अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना की।

समिति सदस्यों का समर्पण: पूर्वांचल भोजपुरी सेवा समिति के सदस्य और अन्य गणमान्य व्यक्ति आयोजन की सफलता के लिए समर्पित भाव से कार्यरत दिखाई दिए।

पनकी छठ धाम पर हुए इस विशाल आयोजन ने कानपुर में पूर्वांचल की संस्कृति और लोक आस्था की गहरी जड़ों को एक बार फिर प्रदर्शित किया। श्रद्धालुओं ने पवित्रता और संयम के साथ इस महापर्व को मनाया, जिससे यह स्थान आस्था और भक्ति के एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित हुआ है।

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