नोएल टाटा, दो अन्य ने मेहली मिस्त्री की ट्रस्टी के रूप में पुनर्नियुक्ति के खिलाफ किया मतदान
नयी दिल्ली: 28 अक्टूबर (भाषा) टाटा ट्रस्ट्स के चेयरमैन नोएल टाटा और उनके करीबी माने जाने वाले दो अन्य प्रभावशाली न्यासियों ने मेहली मिस्त्री की ट्रस्टी के रूप में पुनर्नियुक्ति के खिलाफ मतदान किया है। मामले से अवगत लोगों ने यह जानकारी दी।इससे टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी को नियंत्रित करने वाली परोपकारी इकाई में दरार और गहरी हो गई।टाटा समूह के संरक्षक रतन टाटा का पिछले साल निधन होने के बाद नोएल टाटा को टाटा ट्रस्ट्स का प्रमुख नियुक्त किया गया था। मेहली मिस्त्री को दिवंगत रतन टाटा के करीबी माना जाता है।मामले से अवगत लोगों ने बताया कि टीवीएस मोटर कंपनी के मानद चेयरमैन वेणु श्रीनिवासन और पूर्व रक्षा सचिव विजय सिंह ने मंगलवार को मिस्त्री की न्यासी (ट्रस्टी) के रूप में पुनः नियुक्त किए जाने के खिलाफ मतदान किया।मिस्त्री का तीन साल का कार्यकाल समाप्त होने के बाद यह मतदान हो रहा था।उन्होंने बताया कि हालांकि मिस्त्री के करीबी तीन अन्य न्यासी.. सिटीबैंक इंडिया के पूर्व सीईओ प्रमित झावेरी, मुंबई के वकील डेरियस खंबाटा और पुणे के समाजसेवी जहांगीर एच. सी. जहांगीर ने उनकी पुनर्नियुक्ति का समर्थन किया।यह विभाजन हाल ही में आम सहमति से संचालित दृष्टिकोण से एक स्पष्ट बदलाव का प्रतीक है।टाटा ट्रस्ट्स में नोएल टाटा और मेहली मिस्त्री दो प्रमुख केंद्र हैं। टाटा ट्रस्ट्स की टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी में बहुलांश हिस्सेदारी है। नोएल टाटा को श्रीनिवासन और पूर्व रक्षा सचिव विजय सिंह का समर्थन प्राप्त है जबकि अन्य तीन मिस्त्री के साथ हैं।दोनों समूहों के बीच मतभेद सितंबर में तब सामने आए जब मिस्त्री और तीन अन्य न्यासियों झावेरी, खंबाटा और जहांगीर ने टाटा संस के निदेशक मंडल में टाटा ट्रस्ट्स के प्रतिनिधि पद से सिंह को हटाने के लिए मतदान किया।श्रीनिवासन को हालांकि पिछले हफ्ते सर्वसम्मति से आजीवन ट्रस्टी बना दिया गया था।मिस्त्री ने अपने अगले कदम के बारे में कुछ नहीं कहा है। ऐसा माना जा रहा है कि वह इसके खिलाफ अदालत का रुख कर सकते हैं।टाटा ट्रस्ट्स से इस घटनाक्रम के संबंध में जानकारी हासिल करने के संपर्क किया गया लेकिन उनकी ओर से इसपर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया गया।