चंद्रयान-4 मिशन की तैयारी तेज : इसरो ने की लॉन्च की घोषणा
बेंगलुरु, 28 अक्टूबर संवाददाताभारत जल्द ही अंतरिक्ष इतिहास में एक और उपलब्धि दर्ज करने जा रहा है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सोमवार को अपने नए मिशन “चंद्रयान-4” की आधिकारिक घोषणा की। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य चंद्रमा की सतह से मिट्टी और पत्थरों के नमूने लाकर पृथ्वी पर वैज्ञानिक अध्ययन करना है।इसरो के अध्यक्ष डॉ. एस. सोमनाथ ने बताया कि चंद्रयान-4 की तैयारियाँ अंतिम चरण में हैं। यह मिशन अगले वर्ष की शुरुआत में लॉन्च किया जाएगा। उन्होंने कहा, “यह मिशन हमारे वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत और भारत की अंतरिक्ष तकनीक में आत्मनिर्भरता का प्रतीक होगा।”कैसे होगा मिशन चंद्रयान-4 अलग?इस मिशन में इसरो पहली बार सैंपल रिटर्न मॉड्यूल का उपयोग करेगा, जो चंद्रमा की सतह से नमूने एकत्र करेगा और सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाएगा। इसके लिए एक उन्नत लैंडर और ऑर्बिटर प्रणाली विकसित की गई है। मिशन की तकनीकी टीम इसे अब तक का सबसे जटिल और चुनौतीपूर्ण प्रोजेक्ट बता रही है।वैज्ञानिकों की उम्मीदें ऊँचीवैज्ञानिकों का मानना है कि इस मिशन से प्राप्त नमूनों के अध्ययन से चंद्रमा की संरचना, उसकी सतह की उम्र और उसमें मौजूद खनिजों के बारे में नई जानकारियाँ मिलेंगी। इससे भविष्य में चंद्रमा पर मानव मिशन की संभावनाओं को भी बल मिलेगा।भारत की अंतरिक्ष शक्ति को नई पहचानयदि चंद्रयान-4 मिशन सफल होता है, तो भारत अमेरिका, रूस और चीन के बाद ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा। इसरो ने कहा है कि यह मिशन भारत की वैज्ञानिक क्षमता और वैश्विक अंतरिक्ष अनुसंधान में बढ़ती भूमिका को और मजबूत करेगा।भारत का यह अगला कदम न केवल विज्ञान के क्षेत्र में बल्कि देश के आत्मविश्वास और तकनीकी प्रगति का प्रतीक भी है। अब पूरी दुनिया की निगाहें इसरो के इस नए मिशन पर टिकी हैं, जो एक बार फिर साबित कर सकता है कि भारत अंतरिक्ष की ऊँचाइयों को छूने के लिए पूरी तरह तैयार है।