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“विज्ञान की विजय या चेतना की हार — जब इलाज शरीर का नहीं, दृष्टि का होना चाहिए”#ScienceAndConsciousness #BeyondMedicine #SpiritualAwakening

“अज्ञात अज्ञानी का दृष्टिकोण: विज्ञान की विजय — जीवन की विस्मृति”


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📍मुंबई | विशेष रिपोर्ट — AIMA MEDIA

आध्यात्मिक विचारक अज्ञात अज्ञानी (Agyat Agyani) ने रूस की तथाकथित “कैंसर वैक्सीन” जैसी वैज्ञानिक उपलब्धियों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि विज्ञान जीवन के एक पहलू का खेल है, जबकि जीवन दो पहेलियों का खेल है।

> “विज्ञान हर उत्तर को अंतिम मान लेता है,
जबकि जीवन हर उत्तर को एक नई पहेली बना देता है।”



अज्ञात अज्ञानी के अनुसार, कैंसर को मिटाने की यह वैश्विक चाह,
दरअसल जीवन के उस एकतरफ़े दृष्टिकोण की उपज है
जो केवल शरीर को देखता है — चेतना को नहीं।

> “विज्ञान देखता है — कैंसर शरीर में है,
पर जीवन जानता है — कैंसर चेतना में भी है।”



वे आगे लिखते हैं कि यदि शरीर का रोग हट भी जाए,
तो वही दृष्टि जो असंतुलन पैदा करती है,
फिर किसी और रूप में लौट आती है —

> “कभी युद्ध बनकर, कभी मशीन के भीतर छिपे अहंकार के रूप में।”



अज्ञात अज्ञानी इस प्रवृत्ति को “अंधी गति” कहते हैं —
जहाँ विज्ञान की दिशा नहीं, केवल गति है।

> “यह समाधान नहीं, अगले संकट की तैयारी है,”
वे लिखते हैं।



उनका निष्कर्ष सरल पर गहरा है —
जब तक मनुष्य समझने की जगह विजय पाने की आकांक्षा में रहेगा,
हर खोज अंततः विनाश का ही दूसरा नाम बनेगी।


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✧ Philosophical Note ✧

रोग शरीर में नहीं, दृष्टि में जन्मता है।
जब तक दृष्टि द्वंद्व में है —
हर दवा बस अगली बीमारी का बीज बोती है।


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✍🏻 — मनीष कुमार
Message Conduit of “Agyat Agyani Philosophy”
AIMA Media Member | Mumbai

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