
महराजगंज:- छठ महापर्व पर पनियरा में मातम, राजगीर मिस्त्री की करतूत से गांव में कोहराम
महराजगंज के पनियरा थाना क्षेत्र में रविवार सुबह सुभाष चंद्र का शव घर के अंदर फंदे से लटका मिला। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। प्रथम दृष्टया आत्महत्या का मामला लग रहा है।जनपद के पनियरा थाना क्षेत्र अंतर्गत
वार्ड नंबर 2 गौतम बुद्ध नगर में रविवार की सुबह उस समय अफरा-तफरी मच गई जब 44 वर्षीय सुभाष चंद्र पुत्र जुगनू का शव घर के अंदर फंदे से लटकता मिला। परिजनों ने उन्हें नीचे उतारकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पनियरा पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया।सुबह की खामोशी तोड़ती ये घटना
रविवार की सुबह लगभग 7 बजे घर के भीतर से किसी के रोने-चिल्लाने की आवाज आई। परिजन जब अंदर पहुंचे तो उन्होंने देखा कि सुभाष कमरे में फंदे से लटके हुए हैं। यह दृश्य देखकर परिवार के लोगों के होश उड़ गए। चीख-पुकार सुनकर पड़ोसी भी मौके पर पहुंच गए और तुरंत पुलिस को सूचना दी गई।मौके पर पहुंची पुलिस टीम
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घटना की सूचना पर पनियरा थाना प्रभारी निरीक्षक और उनकी टीम घटनास्थल पर पहुंची। पुलिस ने कमरे का निरीक्षण किया और आसपास से साक्ष्य एकत्र किए। कमरे को सील कर फोरेंसिक टीम को बुलाया गया ताकि किसी भी प्रकार के सबूत नष्ट न हों। फोरेंसिक विशेषज्ञों ने फोटोग्राफी और साक्ष्य एकत्र करने की प्रक्रिया पूरी की। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जिला मुख्यालय भेज दिया। अधिकारियों का कहना है कि मौत के सही कारणों की पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही हो सकेगी।शांत स्वभाव के थे सुभाष
स्थानीय लोगों ने बताया कि सुभाष चंद्र एक शांत, ईमानदार और सामाजिक व्यक्ति थे। वे अपने परिवार के साथ रहते थे और किसी से उनका कोई झगड़ा नहीं था। हालांकि, कुछ लोगों का कहना है कि सुभाष पिछले कुछ हफ्तों से मानसिक तनाव में दिखाई दे रहे थे। वे बहुत कम बोलते थे और अक्सर अकेले रहने लगे थे। परिवारजन ने भी यह स्वीकार किया कि सुभाष पिछले कुछ समय से परेशान चल रहे थे, लेकिन उन्होंने कभी अपनी तकलीफ किसी से साझा नहीं की।परिजनों में मचा कोहराम
घटना के बाद पूरे परिवार में मातम पसर गया। पत्नी और बच्चे बदहवास हालत में रोते रहे। पड़ोसियों और रिश्तेदारों की भीड़ सुभाष के घर पर जुट गई। हर कोई यही पूछ रहा था कि आखिर उन्होंने ऐसा कदम क्यों उठाया।
फोरेंसिक टीम जुटा रही अहम साक्ष्य
फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल से कई नमूने जुटाए हैं। टीम के अनुसार कमरे में संघर्ष के कोई निशान नहीं मिले, जिससे यह संभावना बढ़ जाती है कि घटना आत्महत्या की हो सकती है। हालांकि, पुलिस मोबाइल कॉल डिटेल्स, बैंक रिकॉर्ड्स और हाल के संपर्कों की भी जांच कर रही है ताकि सुभाष के जीवन के अंतिम दिनों में क्या चल रहा था, यह समझा जा सके।