
आइए देखते है रफीगंज विधानसभा का चुनावी गणित क्या कहता है ?
आइए देखते है रफीगंज विधानसभा का चुनावी गणित क्या कहता है ?
नन्द कुमार सिंह /ब्यूरो चीफ, राष्ट्रीय प्रसार
रफीगंज /औरंगाबाद ---- रफीगंज विधानसभा झेत्र बिहार के औरंगाबाद जिले के छः विधानसभा झेत्रो में से एक है, जहां बिजली, पानी ,सड़क और किसानों की कई तरह की समस्याओं से घिरा है, इस विधानसभा क्षेत्र में जातिवाद भी अपने विराट मुंह फाडे खड़ा है ऐसे में सही समाज सेवियों का अस्तित्व भी नही बच पाता है । अभी रफीगंज विधानसभा क्षेत्र से राजद के गुलाम-शहीद, जदयू से प्रमोद सिंह, बसपा से सुमन कुमारी,राहुल कुमार, महेश्वर पासवान,राजेश कुमार, विकास कुमार सिंह, उपेन्द्र कुमार ,नंदलाल सुमन, रितेश कुमार, सत्यनरायन एवं सूर्यदिप सिंह कुल 12 प्रत्याशी चुनावी मैदान में अपना किस्मत आजमा रहे है जिसमे दो ही उमीदवारों के बीच रुझान रहने वाली है ।
2020 के चुनावी आंकड़े देखें तो त्रिकोणीय वोट पड़े थे जिसमें आरजेडी उमीदवार मोहम्मद नेहालुदीन को करीब 63,325 वोट पड़े थे वही प्रमोद सिंह को निर्दलीय उम्मीदवार होने के बावजूद भी 53,325 वोट पड़े थे ,जीत का मार्जिन मात्र 9,429 का था जो बहुत बड़ी नही थी
सर्वे जानने से पहले आपको यह भी जानना जरुरी है कि लोकसभा के दो उमीदवार सुशील सिंह 65,980और अभय कुशवाहा को रफीगंज से 85,766 वोट मिले थे । इस तरह से 2024 के लोकसभा चुनाव में राजद को 50.66 प्रतिशत और भाजपा को 38.98 प्रतिशत वोट मिले थे जिसमें रफीगंज विधानसभा क्षेत्र में कुल वोटरों की जनसंख्या 3,30,654 था ,प्रतिशत की बात करें तो 56.08 प्रतिशत वोट पड़े जिसमें यादव वोटर 51,582 और मुसलमान वोटर 47,283 था ,2020 में रफीगंज विधानसभा में कुल 460 मतदान केंद्र था जबकि 2024 में 367 ही बचे हैं ,
अब हम दोनों प्रत्यासियो की सामाजिक पकड़ की बात करे तो प्रमोद सिंह पहले भी दो बार चुनाव लड़ चुके है और समाज के हर वर्ग तक इनकी पकड़ मजबूत है ,रफीगंज में इनका विकास कार्य भी सराहनीय रहा है वही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हर महिलाओं के खाते में दस हजार भेजना भी प्रमोद सिंह को काम आने वाला है,मीडिया के सर्वे के हिसाब से हर जनता की जुबान से जो सुनने को मिला यो यह है कि वोट का जातीय धुर्वीकरण नही होता है तो रफीगंज विधानसभा में 60 प्रतिशत वोट अभी अकेले प्रमोद सिंह के खाते में है