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सोनहत। विकासखंड स्तरीय मिनी स्टेडियम सोनहत में करमा महोत्सव एक दिवसीय, कार्यक्रम आयोजन हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ।

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सोनहत में करमा महोत्सव का भव्य समापन, दिखी आदिवासी संस्कृति की छटा
सोनहत। विकासखंड स्तरीय मिनी स्टेडियम सोनहत में करमा महोत्सव एक दिवसीय, कार्यक्रम आयोजन हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ।
इस महोत्सव में क्षेत्र के विभिन्न आदिवासी समुदायों की समृद्ध संस्कृति, पारंपरिक लोकनृत्य और लोकगीतों की मनमोहक प्रस्तुतियों ने समां बांध दिया।
करम पर्व (या करमा पर्व) प्रकृति और भाई-बहन के अटूट प्रेम को समर्पित एक प्रमुख त्योहार है। इस अवसर पर आयोजित महोत्सव में बड़ी संख्या में स्थानीय जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारी और ग्रामीणजन उपस्थित रहे।
संस्कृति और एकता का संगम
*मिनी स्टेडियम सोनहत में सुबह से ही पारंपरिक वेशभूषा में सजे-धजे आदिवासी नर्तक दलों का जमावड़ा शुरू हो गया था।
पूरे दिन चले सांस्कृतिक कार्यक्रम में करमा नृत्य की धूम रही, जिसमें नर्तकों ने अपनी आकर्षक वेशभूषा और लयबद्ध कदमों से दर्शकों का मन मोह लिया।
ढोल, मांदर और झांझ की थाप पर कलाकारों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां दीं।
मुख्य अतिथि ग्राम पंचायत सोनहत सरपंच श्रीमती मानमती दिनेश सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि "करमा महोत्सव हमारी प्राचीन और गौरवशाली परंपरा का प्रतीक है।
यह पर्व न केवल हमारी सांस्कृतिक जड़ों को मजबूत करता है, बल्कि समाज में एकता और सद्भाव का संदेश भी देता है।"
उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों से नई पीढ़ी को अपनी संस्कृति से जुड़ने और इसे संरक्षित करने की प्रेरणा मिलती है।
पुरस्कार वितरण और उत्साह
समापन समारोह में विभिन्न नर्तक दलों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पुरस्कृत किया गया। पुरस्कार पाकर कलाकारों का उत्साह दोगुना हो गया। महोत्सव के सफल आयोजन में आयोजक - (जिला प्रशासन कोरिया) और स्थानीय प्रशासन की और ग्राम पंचायत सोनहत भूमिका सराहनीय रही।
यह आयोजन सोनहत क्षेत्र की आदिवासी संस्कृति को एक मंच प्रदान करने और लोककलाओं को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण साबित हुआ। पूरे विकासखंड में महोत्सव की सफलता को लेकर खुशी और उत्साह का माहौल रहा।
जन-जन की आवाज
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