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सती त्याग व शिव-पार्वती विवाह की कथा सुन भाव-विभोर हुए श्रद्धालु....

बलिया/दुबहड़। संवाददाता।
क्षेत्र के कछुआ रामपुर गांव में आयोजित श्री लक्ष्मी पूजन कार्यक्रम के अंतर्गत बाल संघ कमेटी द्वारा चल रही तीन दिवसीय श्रीराम कथा के दूसरे दिन बुधवार को अयोध्या से पधारी प्रसिद्ध कथा वाचिका पूज्य आरती पाठक जी ने सती त्याग और शिव-पार्वती विवाह का अत्यंत भावनात्मक वर्णन किया। कथा सुनकर उपस्थित श्रद्धालु भाव-विभोर हो उठे।

कथा वाचिका पूज्य आरती पाठक जी ने कहा कि भगवान शिव ने सती का त्याग रामभक्ति की महिमा प्रकट करने के लिए किया था। उन्होंने कहा — “पार्वती श्रद्धा की प्रतीक हैं, तो शिवजी विश्वास के। श्रद्धा और विश्वास का संगम ही मनुष्य को रामकथा के माध्यम से ईश्वर से जोड़ता है।”

उन्होंने आगे कहा कि श्रीरामकथा जीवन को सही दिशा देने वाली है। यह धर्म, भक्ति और संकल्प की शक्ति का परिचय कराती है।
कथा में पूज्य पाठक जी ने बताया कि भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह अत्यंत मंगलकारी प्रसंग है — “जो इस कथा को श्रद्धा से सुनता है, उसके मनोरथ पूर्ण होते हैं।”

उन्होंने बताया कि पर्वतराज हिमालय की कठोर तपस्या के बाद माता जगदंबा पार्वती के रूप में उनके घर में अवतरित हुईं। जब भगवान शिव भूत-पिशाचों की अनोखी बारात लेकर पहुंचे, तो पर्वतराज और उनका परिवार चकित रह गया। परंतु माता पार्वती ने प्रसन्न होकर भोलेनाथ को अपने पति के रूप में स्वीकार किया। विवाह के समय देवी-देवताओं ने फूलों की वर्षा की और मंगल गीतों से वातावरण गुंजायमान हो उठा।

कार्यक्रम में पुजारी दयाशंकर शास्त्री, कल्याण सिंह, राहुल सिंह, संतोष यादव, राकेश साहनी, अजीत यादव, मिथलेश पासवान, पिंटू यादव, उमेश साहनी, राजू साहनी, रितेश यादव, ऋषभ यादव, अमर साहनी, चुन्नू यादव, धनजी साहनी, आशीष यादव, मनीष यादव, संजय यादव, रोहित यादव सहित सैकड़ों महिला-पुरुष श्रद्धालु उपस्थित रहे।

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