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सेवानिवृत्त कर्मचारियों की जमापूंजी पर साइबर ठगों की नजर


कुमाऊं में साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। पिछले आठ महीनों में ठगों ने सेवानिवृत्त कर्मचारियों के बैंक खातों से करीब 10.41 करोड़ रुपये उड़ा लिए। साइबर थाने में 20 लाख से अधिक की ठगी के 24 मामले दर्ज हुए हैं।
ठगों ने रिटायर्ड कर्मचारियों को फर्जी कॉल, मैसेज, ईमेल और “डिजिटल अरेस्ट” जैसे तरीकों से जाल में फंसाकर उनकी आजीवन कमाई हड़प ली।
एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने कहा कि —
“साइबर अपराध से बचने का एकमात्र उपाय जागरूकता है। लोग अंजान नंबरों और धमकी भरे कॉल से डरकर ठगों के झांसे में आ जाते हैं, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान होता है।”
डिजिटल अरेस्ट के नाम पर ठगी
हाल के दिनों में बुजुर्गों को “डिजिटल अरेस्ट” करने के मामलों में वृद्धि हुई है। ठग कॉल कर बताते हैं कि उनके नाम से विदेश में स्मैक भेजी गई है और मुंबई क्राइम ब्रांच बुलाया जा रहा है। डर के चलते बुजुर्ग खुद को कमरे में बंद कर लेते हैं और ठग ऑनलाइन ठगी शुरू कर देते हैं।
हकीकत ये है कि पुलिस कभी डिजिटल अरेस्ट नहीं करती।
साइबर ठगी से बचाव के उपाय
अंजान कॉल और मैसेज पर भरोसा न करें।
अधूरी जानकारी के लिए गूगल सर्च न करें।
“आपके नाम से ड्रग्स पकड़ी गई है” जैसी कॉल फर्जी होती है।
डिजिटल अरेस्ट पुलिस नहीं करती, डरें नहीं।
शिकायत कहां करें
📞 टोल फ्री नंबर 1930 पर कॉल करें
🌐 cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें
कार्रवाई की स्थिति
अब तक पुलिस ने 17 ठगों को गिरफ्तार किया है और 13 को नोटिस भेजा गया है। कई ठग ऐसे बैंक खातों का उपयोग करते हैं जिनके असली मालिकों को पता ही नहीं होता कि उनके नाम से खाता खुला है।

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