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एक कर्मचारी के भरोसे चल रहा आकोली बिजलीघर, बड़ा हादसा कभी भी संभव

आकोली (दलपतसिंह भायल):
आकोली बिजलीघर की लापरवाही इन दिनों ग्रामीणों के लिए खतरे की घंटी बन चुकी है। आकोली, बिबलसर, देवाडा, आडवाडा सहित आसपास के कई गांवों को बिजली सप्लाई करने वाला यह ग्रेड वर्तमान में केवल एक कर्मचारी ब्रजमोहन के भरोसे चल रहा है, जबकि यहाँ चार कर्मचारियों की ड्यूटी दर्ज है।

ग्रामीणों ने बताया कि जब हाल ही में तीन फेज की बिजली ट्रिप हुई और आधे घंटे तक सप्लाई बहाल नहीं हुई, तब किसान पूरणसिंह काबावत बिजलीघर पहुंचे तो वहां कोई मौजूद नहीं था। फोन करने पर पता चला कि ब्रजमोहन रसोई का सामान लेने गांव गया हुआ था।

पूरणसिंह के पूछने पर ब्रजमोहन ने बताया कि ग्रेड पर 24 घंटे की ड्यूटी अकेले उसी के जिम्मे है, अन्य कोई कर्मचारी नहीं है। उसने बताया कि ग्रामीणों की शिकायतें भी वह अपने निजी फोन से सुनकर समाधान करता है, क्योंकि ग्रेड पर सरकारी फोन तक नहीं है।

ब्रजमोहन ने आगे बताया कि ग्रेड परिसर में चारों ओर उगी घास-फूस को उसने अपनी जेब से ₹3000 खर्च कर जेसीबी से साफ करवाया, क्योंकि परिसर में रहना बेहद खतरनाक हो गया था। शौचालय न होने की वजह से एक बार उसे बाहर खेतों में जाना पड़ा, तभी अचानक बिजली का तार टूट गया। वह दौड़कर ग्रेड पर पहुंचा और तुरंत लाइन काटकर बड़े हादसे को टाल दिया।

ग्रामीणों के अनुसार, ट्रांसफॉर्मर और ओसीपी से जुड़े पीलर जर्जर हालत में हैं, जो अब केवल तारों के सहारे टिके हुए हैं। वहीं, कर्मचारी के रहने वाले क्वार्टर की दीवारों से लोहे के सरिए बाहर निकल चुके हैं, जिससे कभी भी दुर्घटना हो सकती है।

ब्रजमोहन का कहना है कि उसने कई बार अधिकारियों को स्थिति से अवगत कराया है, पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि संबंधित अधिकारी (ए.सी., ई.एन., जी.एन.) लापरवाही और कमीशनखोरी में डूबे हैं, जिससे इस तरह की व्यवस्थाएँ चरमराई हुई हैं।

किसान संघ के युवा सदस्य पप्पूसिंह काबावत ने चेतावनी दी है कि यदि पाँच दिनों में आकोली समेत अन्य बिजलीघरों की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो किसान संघ के बैनर तले मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर जांच और कार्रवाई की मांग की जाएगी।

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