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बक्सवाहा क्षेत्र के जंगलो को काटने का मामला पहुंचा सुप्रीमकोर्ट

आदित्य बिरला ग्रुप की बढ़ सकती है मुश्किले 
बक्सवाहा(छतरपुर)। मध्य प्रदेश के छतरपुर जिला अंतर्गत बक्सवाहा के जंगलों में पन्ना के मझगवा की हीरा खदान से 15 गुना ज्यादा हीरे मिलने की संभावना जाहिर की गई है. इसके लिए मध्य प्रदेश सरकार द्वारा हीरा खनन का कार्य आदित्य बिरला ग्रुप को 50 साल के लिए लीज पर दिया गया है।

लेकिन कंपनी को अपने प्रोजेक्ट के शुभारंभ से पूर्व ही 2.15 लाख हरे भरे पेड़ों को काटना होगा जिसके लिए अब ये लड़ाई देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट मे पहुंच चुकी है यहां पेड़ों को काटने की राह आसान दिखाई नहीं दे रही है।
बता दे ,क्षेत्रीय युवाओं ने सोशल मीडिया पर #SAVE BUXWAHA FOREST ट्रेंड चला कर अपनी आसंतुष्टि जाहिर की  है तो वही अन्य शहरों के युवा भी आगे आकर पेड़ों को बचाने के लिए आंदोलन करने जैसी चेतावनी दे रहे हैं। अब देखना ये है कि जीवन के लिए पेड़ या  व्यापार के लिए हीरा की लड़ाई मे जीत किसकी होती है !

फिलहाल दिल्ली की समाजसेविका नेहा सिंह ने इस आंदोलन को  9 अप्रैल 2021 को अपने वकील प्रीति सिंह और संकलन पोरवाल के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. समाज सेविका नेहा सिंह ने अपनी याचिका में स्पष्ट उल्लेख किया है कि हीरो के लिए हम अपने जीवनदायी लाखों पेड़ों की बलि नहीं दे सकते है. लाखों पेड़ कटने से पर्यावरण को अपूरणीय क्षति होगी हम एक भी पेड़ नहीं कटने देंगे, अतः उन्होंने हीरा खनन के लिए आदित्य बिरला को दी जा रही लीज निरस्त करने की मांग की है।

  .  .  .  .  .    उन्होंने याचिका में स्पष्ट किया है  कि हीरा खनन हो लेकिन एक भी पेड़ ना काटा जाए इस बड़े जंगल में रहने वाले वन्य प्राणियों को किंचित मात्र भी क्षति नहीं पहुंचने चाहिए, इसके साथ ही याचिका में उल्लेख किया गया है कि जिस क्षेत्र को हीरा खनन के लिए अनुमति दी गई है वह न्यूनजल क्षेत्र है। इसे पानी के लिहाज से डार्क एरिया, अधोरहित क्षेत्र माना गया है यह क्षेत्र पहले से ही कम पानी वाला क्षेत्र है, कंपनी के कार्य के लिए बड़ी मात्रा में इस क्षेत्र से पानी का दोहन किया जाएगा पूरा क्षेत्र ड्राई हो जाएगा. परिणाम स्वरूप आसपास का जल स्तर प्रभावित होगा. वन्य प्राणी प्यासे मारे जाएंगे इन सब तथ्यों को देखते हुए कंपनी का अनुबंध निरस्त किया जाए।

गौरतलब है कि नीलामी के पश्चात प्रदेश सरकार द्वारा आदित्य बिरला ग्रुप को प्रोजेक्ट की कमान सौंपी गई है. जहां पर कंपनी जंगल को काटकर हीरा खनन का कार्य करने जा रही है।

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