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देहरादून : घंटाघर की घड़ियां बंद, व्यापारियों में नाराजगी — करोड़ों खर्च के बाद भी समय बताने में नाकाम ‘शहर की पहचान’

देहरादून की ऐतिहासिक पहचान माने जाने वाला घंटाघर एक बार फिर चर्चा में है। हाल ही में करोड़ों रुपये की लागत से हुए इसके नवीनीकरण के बावजूद, घंटाघर की घड़ियां अब सही समय नहीं दिखा रहीं और घंटी की ध्वनि भी बंद हो चुकी है। इस स्थिति से नाराज स्थानीय व्यापारियों ने तीखा विरोध जताते हुए इसे प्रशासन की लापरवाही बताया है।

महानगर कांग्रेस व्यापार प्रकोष्ठ के सदस्यों ने बुधवार को कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बीते 7 सितंबर को घंटाघर के नवनिर्मित स्वरूप का लोकार्पण किया था। उस समय घड़ियां सुचारू रूप से चल रही थीं और हर घंटे बजने वाली घंटी शहर भर में गूंजती थी। लेकिन मात्र दो माह में ही पूरा सिस्टम ठप हो जाना सरकारी कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है।

व्यापार प्रकोष्ठ अध्यक्ष सुनील कुमार बांगा ने कहा, “यह बेहद अफसोसजनक है कि हर कुछ वर्षों में करोड़ों रुपये खर्च कर घंटाघर को सजाया जाता है, लेकिन रखरखाव पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता। यदि यह परियोजना स्मार्ट सिटी मिशन के तहत है, तो संबंधित अधिकारी तत्काल दखल दें, अन्यथा विधायक को आगे आकर इसे ठीक कराना चाहिए।”

व्यापारियों का कहना है कि घंटाघर केवल एक इमारत नहीं, बल्कि देहरादून की शान और पहचान है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द सुधार नहीं किया गया तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाने को मजबूर होंगे। इस मौके पर सुरेश गुप्ता, मनोज कुमार, राजेश मित्तल, अरुण कोहली, राहुल कुमार, रजत कुमार, आमिर खान, सनी सोनकर, विशाल खेड़ा, सोनू मेहंदीरता और राजेंद्र सिंह घई सहित कई व्यापारी मौजूद रहे।

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