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“वेदांत और विज्ञान: जब चेतना ने परमाणु को देखा”नई विचारधारा “वेदांत और विज्ञान

नई विचारधारा “वेदांत और विज्ञान” पर आधारित ग्रंथ में आध्यात्मिक लेखक Agyat Agyani ने कहा —
विज्ञान अब तक सृष्टि को देखने की कला रहा है, और वेद स्वयं को देखने की।
दोनों ने सत्य को अलग दिशाओं से छुआ, पर सत्य एक ही था।

यह ग्रंथ उस बिंदु पर लिखा गया है जहाँ वेद और विज्ञान पहली बार एक-दूसरे को पहचानते हैं।

लेखक के अनुसार, “ऋषियों ने जिस ‘तेज़’ की बात की, वही आधुनिक भौतिकी का ‘Quantum Field’ है।
‘आकाश’ वही नाभिकीय स्थिर क्षेत्र है, और पंचतत्व ऊर्जा की विभिन्न अवस्थाएँ हैं।”

उन्होंने कहा —

> “हम न ईश्वर को सिद्ध कर रहे हैं, न नकार रहे हैं।
हम केवल यह दिखा रहे हैं कि ईश्वर ऊर्जा का आत्म-जागरण है,
और ऊर्जा, ईश्वर की भौतिक अवस्था।”



यह ग्रंथ किसी धर्म की रक्षा नहीं करता —
बल्कि उस प्रश्न को उठाता है जिसे विज्ञान ने अब तक टाल दिया था:
क्या ऊर्जा स्वयं को जान सकती है?

लेखक के अनुसार, “वेद ने कहा — हाँ। विज्ञान अब वहीं पहुँच रहा है।
यह ग्रंथ उसी ‘हाँ’ और ‘अब’ के बीच का सेतु है।”


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Signature:
✍🏻 — Agyat Agyani (अज्ञात अज्ञानी)
AIMA Media Member | Sirohi & Mumbai

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