
"हम अंग्रेजों के जमाने के जेलर हैं"
दिग्गज कलाकार गोवर्धन 'असरानी' जी का निधन हुआ ।
बदनावर धार -
असरानी एक हिन्दी फिल्म हास्य अभिनेता हैं।इनका जन्म 1 जनवरी 1941 को जयपुर में हुआ था। असरानी. जन्म, 01 जनवरी 1941 जयपुर, राजस्थान. मौत, 20 अक्टूबर 2025(2025-10-20) (उम्र 84 वर्ष) मुंबई. शिक्षा, स्नातक ।
हम अंग्रेजों के जमाने के जेलर हैं" यह डायलॉग 1975 की फिल्म शोले मे अभिनेता असरानी द्वारा बोला गया था। इस फिल्म की कहानी तो लिखी थी सलीम-जावेद ने लेकीन फिल्म मे लिखे गए कई डायलॉग कादर खान द्वारा प्रदत्त किये गए थे। से ज़्यादा के करियर में उन्होंने 350 से ज़्यादा फिल्मों में काम किया और ‘शोले’ में अंग्रेज़ों के ज़माने वाले जेलर के किरदार से अमर हो गए। जो असरानी कभी कालीन बेचते थे, आज वे कला के डॉक्टर कहे जाते हैं! भारतीय फिल्म जगत के दिग्गज कलाकार गोवर्धन 'असरानी' का सफर किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं!बंटवारे के बाद एक सिंधी परिवार जयपुर आया। उसी परिवार में जन्मे असरानी ने बचपन सादगी में गुज़ारा।पिता कालीन बेचते थे, और असरानी… सपने।
दिन में पढ़ाई, रात में ऑल इंडिया रेडियो में वॉइस आर्टिस्ट की नौकरी – ताकि पढ़ाई जारी रह सके। लेकिन दिल तो हमेशा एक्टिंग में ही अटका था।ऋषिकेश मुखर्जी जैसे दिग्गजों से मार्गदर्शन मिला, FTII में ट्रेनिंग ली, गुजराती फिल्मों से शुरुआत की और फिर हिंदी सिनेमा के सबसे चहेते कॉमेडियन बन गए।‘शोले’ के जेलर से लेकर 300 से ज़्यादा फिल्मों तक – असरानी जी ने हर किरदार में जान डाल दी।
हमें हंसाया, रुलाया और भरपूर मनोरंजन किया।आज उन्हीं के हुनर और जुनून को सम्मान मिला है – Invertis University ने असरानी जी को ‘Doctor of Arts’ की उपाधि दी है।एक ऐसे कलाकार को सलाम जिसने कभी रुकना नहीं सीखा – और हमें यादगार किरदार दिए, जो हमेशा दिल में रहेंगे।। दुनिया के चेहरे पर मुस्कान और होठों पर हंसी बिखरने वाले असरानी जी को विनम्र श्रद्धांजलि ।