
152 छात्रों पर जांच की तलवार लटकी
2025 में मेडिकल कोर्स की तीसरी फेरी की प्रवेश प्रक्रिया में फर्जी कागज़ात लगाकर प्रवेश लेने की कोशिश का मामला सामने आया है। कुल 152 विद्यार्थियों पर संदेह जताया गया है और इनकी जांच शुरू हो गई है।
राज्य साझा प्रवेश परीक्षा कक्ष (CET सेल) ने इन सभी विद्यार्थियों की जानकारी राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग की मेडिकल काउंसलिंग कमेटी (MCC) से मांगी है। विद्यार्थियों के कागज़ों की जांच करने के बाद ही आगे का निर्णय लिया जाएगा।राज्य कोटे में दूसरे राज्यों के विद्यार्थियों के प्रवेश की शिकायतें मिलने के बाद प्राथमिक जांच की गई। इसमें पाया गया कि 152 विद्यार्थियों ने गलत जानकारी देकर और नकली दस्तावेज़ लगाकर आवेदन किया है। सभी को 16 अक्टूबर तक अपने असली कागज़ जमा करने का समय दिया गया था, लेकिन केवल एक विद्यार्थी ने ही दस्तावेज़ वेबसाइट पर अपलोड किए हैं। बाकी 151 विद्यार्थियों ने कोई जवाब नहीं दिया।जांच में यह भी सामने आया है कि इन विद्यार्थियों के दिए गए ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर भी गलत थे। कई ईमेल आईडी नकली तरीके से बनाए गए थे। अधिकारियों का कहना है कि इसके पीछे एक बड़ा रैकेट हो सकता है, जिसकी अलग से जांच हो रही है।अब CET सेल ने MCC से छात्रों की विस्तृत जानकारी मांगी है—यह पता लगाने के लिए कि इन विद्यार्थियों ने किस राज्य के कोटे से आवेदन किया और उनके दस्तावेज़ कैसे सत्यापित हुए। MCC से जानकारी मिलने के बाद विद्यार्थियों के शैक्षणिक और निवास संबंधी सबूतों की पूरी जांच की जाएगी और उसी के बाद प्रवेश पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
इस घटना से राज्य की मेडिकल प्रवेश प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर फिर से सवाल उठ गए हैं। फर्जी कागज़ों के आधार पर प्रवेश पाने का यह पहला मामला नहीं है, लेकिन इस बार छात्रों की संख्या ज़्यादा है और इसके पीछे की पूरी व्यवस्था और नेटवर्क को लेकर चिंता और भी बढ़ गई है।