जलगांव: वक्फ बिल विरोध से पहले मस्जिद-मदरसे के कब्जे हटाओ, स्थानीय सभा ने की ज़ोरदार अपील मारुल ताल्लुक यावल गांव की मांग तेज़। न्याय के लिए शांतिपू
जलगांव। 27 अक्टूबर: वक्फ बिल के विरोध में उठने वाली आवाज़ों को असरदार और न्यायोचित बनाने के लिए आज स्थानीय धार्मिक-सामाजिक संगठनों ने तेज़ी से एक निर्णायक मांग उठाई — पहले जलगांव जिले की मस्जिदों और मदरसों पर जो अवैध कब्जे हैं उन्हें हटाया जाए, तब ही वक्फ बिल के खिलाफ आंदोलन सार्थक होगा।मारुल (तालुका यावल) को विशेष रूप से उद्धृत करते हुए आयोजित सभा ने कहा कि इन इलाकों में मौजूद कब्जों को पहले खाली कराना ही न्याय की पहली सीढ़ी है। सभा ने ज़ोर देकर कहा: “वक्फ बिल का विरोध प्राकृतिक और जायज़ है, पर विरोध तभी सफल होगा जब हम अपने घर की गंदगी पहले साफ़ कर लें। बिना उचित कार्रवाई के बड़ा आंदोलन केवल शोर ही रहेगा।”सभा ने स्पष्ट रूप से अपील की कि विरोध कर रहे सभी लोग सही तथ्यों के साथ आगे आएं, और कब्जे हटाने के लिए कानूनी रास्ते अपनाए जाएं। वक्ताओं ने कहा कि जब तक मस्जिद-मदरसे अपने वैधानिक हक़ों पर सुरक्षित नहीं होंगे, बिना तय-शुदा कार्रवाई के व्यापक विरोध का कोई प्रभाव नहीं दिखाई देगा।“एक बार कब्जे खाली हो जाएं तो अल्लाह की मदद से यह आंदोलन कामयाब होगा — जीत हमेशा हक़ की होती है,” — सभा की यह भावना हर जगह गूँजती रही। वक्ताओं ने जनता से शान्तिपूर्ण, विधिक और सुविचारित कदम उठाने का आह्वान भी किया।क्या होगा अगला कदम?सभा ने प्रशासन से निवेदन किया कि वे तुरंत संबंधित रिपोर्टों की जांच कर संबंधित कब्जों को हटाने के लिये पारदर्शी कार्रवाई करें। साथ ही नागरिकों से कहा गया कि वे किसी भी प्रकार की हिंसा या अवैध गतिविधि से दूर रहें और केवल न्यायोचित, दस्तावेज़-आधारित मांगों के साथ आगे बढ़ें।
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