logo

बमोली रामलीला के इतिहास में नया अध्याय — श्रवण बने मास्टर योगेश प्रसाद ने किया दिल छू लेने वाला अभिनय

बमोली से जयमल चंद्रा की रिपोर्ट

बमोली (द्वारीखाल)। ग्राम बमोली में चल रही रस्मलीला के प्रथम दिवस का मंचन इस बार ऐतिहासिक बन गया। मात्र चार वर्ष के छोटे से रामलीला इतिहास में इस वर्ष मास्टर योगेश प्रसाद ने ऐसा अभिनय किया कि दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। श्रवण कुमार के रूप में उनका अभिनय इतना भावपूर्ण और जीवंत था कि पूरे मैदान में तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठी।

ग्राम बमोली की रामलीला समिति द्वारा आयोजित इस मंचन में श्रवण कुमार प्रसंग को जिस समर्पण और अभिनय कौशल से प्रस्तुत किया गया, उसने सबका दिल जीत लिया। मास्टर योगेश प्रसाद ने श्रवण के संवादों, भाव-भंगिमा और आंखों के अभिनय से सभी को भावविभोर कर दिया। दर्शकों ने कहा —

“मास्टर योगेश प्रसाद बमोली रामलीला के इतिहास के सबसे बेहतरीन अदाकार हैं।”

गाँव के वरिष्ठ जनों और समिति के पदाधिकारियों ने भी उनके प्रदर्शन की सराहना करते हुए कहा कि इतनी कम उम्र में ऐसा अभिनय बच्चों के लिए प्रेरणादायक है।

रामलीला समिति के अध्यक्ष ने बताया कि बमोली की रामलीला ने चार वर्षों में अपनी अलग पहचान बनाई है। इस बार की प्रस्तुति में गाँव के युवा और बच्चे मिलकर अभिनय कर रहे हैं, जिससे सांस्कृतिक जागरूकता बढ़ रही है।

कार्यक्रम का संचालन स्थानीय युवा कलाकारों द्वारा किया गया तथा दर्शकों की भारी भीड़ ने आयोजन को सफल बनाया।

गौरतलब है कि बमोली की रामलीला हर वर्ष धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं को सहेजते हुए गाँव की एकता और सहभागिता का प्रतीक बन चुकी है।

587
38015 views