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*जिला रेडक्रास सोसायटी शाखा उमरिया के तत्वाधान में सीपीआर प्रशिक्षण का आयोजन जिला अस्पताल में किया गया*

भारतीय रेड क्रॉस सोसायटी मध्य प्रदेश के निर्देशन पर अध्यक्ष रेड क्रॉस सोसायटी आदरणीय धरणेंद्र कुमार जैन (कलेक्टर उमरिया) के मार्गदर्शन में एवं सभापति रेड क्रॉस सोसायटी श्री अखिलेश त्रिपाठी जी के नेतृत्व में एक महत्वपूर्ण सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य आम जनता को जीवन रक्षक तकनीक से अवगत कराना और आपातकालीन परिस्थितियों में सही तरीके से सहायता देने के लिए तैयार करना था।
प्रशिक्षण विवरण: प्रशिक्षण कार्यक्रम का मार्गदर्शन चिकित्सक डॉ. आर. एल. द्विवेदी, एम.डी. मेडिसिन, ने किया। डॉ. द्विवेदी ने सीपीआर की तकनीक और उसके महत्व के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सीपीआर का सही तरीके से प्रयोग करने से व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है, खासकर जब व्यक्ति का दिल रुक जाए या उसकी श्वास रुक जाए। सीपीआर क्या है?
सीपीआर, या कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन, एक आपातकालीन उपाय है जो हृदय और फेफड़ों के कामकाज को पुनः शुरू करने के लिए किया जाता है जब किसी व्यक्ति का दिल रुक जाता है। यह प्रक्रिया रक्त परिसंचरण को बनाए रखने और मस्तिष्क को ऑक्सीजन पहुंचाने में मदद करती है, जिससे व्यक्ति की जीवन रक्षा की संभावना बढ़ती है। सीपीआर की प्रक्रिया में निम्नलिखित कदम शामिल हैं: सुरक्षा सुनिश्चित करना – पहले यह सुनिश्चित करें कि आप और पीड़ित सुरक्षित स्थान पर हैं। श्वास और नाड़ी जांचना – पीड़ित के गले के पास नाड़ी और मुंह से श्वास की जांच करें। सीने पर दबाव डालना (Chest Compression) – सीने के बीचोबीच दोनों हाथों से दबाव डालते हुए 30 दबाव 100-120 प्रति मिनट की गति से करें। मौखिक श्वास (Mouth-to-Mouth) – यदि आप प्रशिक्षित हैं तो पीड़ित के मुंह में श्वास दें। यह प्रक्रिया तब लागू होती है जब पीड़ित श्वास नहीं ले रहा है। एडवांस्ड मदद की तलाश करना – यदि पीड़ित की स्थिति में सुधार नहीं होता तो शीघ्र ही एम्बुलेंस या डॉक्टर की मदद प्राप्त करें। प्रशिक्षण का उद्देश्य: डॉ. द्विवेदी ने सीपीआर के महत्व और सही तरीके से इसे करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि सीपीआर की तकनीक को जानने से किसी भी व्यक्ति को जीवन बचाने का अवसर मिल सकता है, और यह प्रशिक्षित लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण कौशल है, जो किसी आपातकालीन स्थिति में काम आ सकता है। समुदाय में जागरूकता: प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य केवल सीपीआर तकनीक को सिखाना नहीं था, बल्कि इसके जरिए लोगों को यह भी समझाना था कि कैसे वे समाज में दूसरों की मदद करने के लिए तैयार हो सकते हैं। प्रशिक्षण के दौरान, प्रतिभागियों को सीपीआर के सही अभ्यास के साथ-साथ जीवन रक्षा के अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में भी बताया गया। कार्यक्रम का समापन सभी प्रतिभागियों के साथ उत्साही चर्चा और सवाल-जवाब के दौर से हुआ। डॉ. आर. एल. द्विवेदी ने सभी को धन्यवाद दिया और इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रमों के महत्व को समझाया। रेडक्रास सोसायटी ने सभी को आश्वासन दिया कि भविष्य में भी इस तरह के और कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, ताकि समुदाय को आपातकालीन स्थितियों में प्रभावी मदद प्रदान की जा सके। *इस अवसर पर भारतीय रेड क्रॉस सोसायटी शाखा उमरिया के सभापति श्री अखिलेश त्रिपाठी जी, सहित डॉ के सी सोनी सिविल सर्जन उमरिया, डॉ संदीप सिंह RMO और यह प्रशिक्षण पुलिस विभाग के अधिकारी, कर्मचारी, स्वास्थ विभाग के अधिकारी कर्मचारी और एम पी फार्मासिस्ट एसोसिएशन के सदस्यों ने लिया।*

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