मोबाइल और इंटरनेट की लत: अकेलेपन का नया चेहरा
हालिया शोधों ने चेतावनी दी है कि मोबाइल और इंटरनेट में लगातार डूबे रहने की आदत न केवल मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर रही है, बल्कि समाज से जुड़ाव भी कमजोर कर रही है। विशेषज्ञों के अनुसार, डिजिटल दुनिया में ज्यादा समय बिताने वाले लोग धीरे-धीरे वास्तविक दुनिया से दूरी बनाने लगते हैं।मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि यह डिजिटल निर्भरता डिप्रेशन, तनाव और अकेलेपन की बड़ी वजह बन रही है। दिनभर सोशल मीडिया स्क्रॉल करना या चैट में उलझे रहना लोगों के रिश्तों में ठंडापन ला रहा है।कई मामलों में देखा गया है कि व्यक्ति को यह एहसास तक नहीं होता कि वह कब दोस्तों, परिवार और समाज से कट गया।विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि डिजिटल डिटॉक्स यानी कुछ समय के लिए मोबाइल और इंटरनेट से दूर रहना जरूरी है। असल जिंदगी की बातचीत, मेल-जोल और खुली हवा में समय बिताना मानसिक संतुलन के लिए बेहद फायदेमंद साबित होता है।👉 याद रखें — स्क्रीन से जुड़ाव जितना बढ़ेगा, इंसानों से जुड़ाव उतना ही घटेगा।