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उत्तर प्रदेश सरकार ने बढ़ाया महंगाई भत्ता, 28 लाख कर्मचारियों और पेंशनरों के चेहरों पर आई रौनक


दीपावली से पहले योगी सरकार का बड़ा तोहफा, 55% से बढ़ाकर 58% किया गया महंगाई भत्ता और राहत दर

लखनऊ। प्रदेश के लाखों सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए दीपावली से पहले खुशखबरी आई है। उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य कर्मचारियों, पेंशनरों एवं पारिवारिक पेंशनरों के महंगाई भत्ते (DA) और महंगाई राहत (DR) की दर 55 प्रतिशत से बढ़ाकर 58 प्रतिशत कर दी है। यह संशोधित दर 1 जुलाई 2025 से प्रभावी होगी। सरकार के इस फैसले से लगभग 28 लाख कर्मयोगियों और पेंशनरों को सीधा लाभ मिलने जा रहा है।

राज्य सरकार ने यह निर्णय केंद्र सरकार की तर्ज पर लिया है। केंद्र ने भी हाल ही में अपने कर्मचारियों और पेंशनरों का महंगाई भत्ता 4 प्रतिशत बढ़ाया था, जिसके बाद अब उत्तर प्रदेश ने भी उसी अनुपात में अपने कर्मचारियों को राहत देने का ऐलान किया है। योगी आदित्यनाथ सरकार के इस कदम को प्रदेश के लाखों परिवारों के लिए “आर्थिक राहत का दीप” बताया जा रहा है, जो महंगाई की मार झेल रहे लोगों को थोड़ी राहत देगा।

वेतनभोगियों के लिए राहत की सांस

सरकारी कर्मचारियों के संगठनों ने लंबे समय से महंगाई भत्ते में वृद्धि की मांग उठाई थी। कर्मचारियों का कहना था कि लगातार बढ़ती महंगाई के बीच वेतन में बढ़ोतरी का यह समायोजन जरूरी है। अब 3 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 58 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिलने से उन्हें कुछ हद तक आर्थिक सहारा मिलेगा।

वित्त विभाग के सूत्रों के अनुसार, इस वृद्धि से राज्य के खजाने पर सालाना लगभग 3,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार आएगा। बावजूद इसके, सरकार ने इसे कर्मचारियों के हित में आवश्यक कदम बताया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा—

> “महंगाई भत्ता केवल वेतन का हिस्सा नहीं, बल्कि यह कर्मचारियों के जीवन स्तर को बनाए रखने की एक संवेदनशील सरकारी जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का निर्देश था कि दीपावली से पहले कर्मचारियों को यह उपहार जरूर मिले।”



पेंशनरों के जीवन में भी जगमगाई उम्मीदें

पेंशनरों और पारिवारिक पेंशनरों के लिए यह निर्णय उतना ही महत्वपूर्ण है जितना सक्रिय कर्मचारियों के लिए। बढ़े हुए महंगाई राहत दर से लगभग 12 लाख से अधिक पेंशनभोगियों को प्रत्यक्ष लाभ होगा। यह वर्ग लंबे समय से जीवनयापन की बढ़ती लागत को लेकर चिंतित था। सरकार के इस फैसले से उनके मासिक बजट में कुछ राहत आएगी और उत्सव के मौसम में आर्थिक स्थिरता की भावना मजबूत होगी।

दीपावली के पहले ‘डबल इंजन’ का लाभ

प्रदेश सरकार ने अपने निर्णय को “डबल इंजन सरकार की संवेदनशीलता और कर्मठता” का प्रतीक बताया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य कर्मचारियों ने शासन की योजनाओं को धरातल पर उतारने में अभूतपूर्व योगदान दिया है। इसलिए उनके हितों की रक्षा सरकार की प्राथमिकता है।
उन्होंने कहा—

> “कर्मचारी किसी भी सरकार की रीढ़ होते हैं। उनके परिश्रम से ही योजनाएं जनता तक पहुंचती हैं। दीपावली के महापर्व से पहले उन्हें आर्थिक सुरक्षा का यह उपहार देना हमारा दायित्व है।”



कर्मचारियों में खुशी की लहर

महंगाई भत्ता बढ़ने की घोषणा के बाद कर्मचारी संगठनों ने सरकार का आभार व्यक्त किया। उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष ने कहा—

> “सरकार का यह निर्णय स्वागतयोग्य है। यह कर्मचारियों के मनोबल को बढ़ाएगा और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त करेगा। हालांकि, हम यह भी उम्मीद करते हैं कि सरकार वेतन विसंगति और पदोन्नति से जुड़ी लंबित मांगों पर भी जल्द निर्णय लेगी।”



वहीं पेंशनभोगी संघ के एक पदाधिकारी ने कहा कि सरकार ने त्योहार के मौसम में जो राहत दी है, उससे बुजुर्ग पेंशनरों के जीवन में “खुशियों का उजाला” आएगा।

आर्थिक और सामाजिक प्रभाव

विशेषज्ञों का मानना है कि इस निर्णय से न केवल सरकारी कर्मचारियों की क्रय शक्ति बढ़ेगी, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था में भी नई ऊर्जा का संचार होगा। बढ़े हुए भत्ते से त्योहारी सीजन में बाजारों में मांग बढ़ेगी, जिससे स्थानीय व्यापारियों, दुकानदारों और सेवा क्षेत्रों को भी लाभ होगा।
आर्थिक विशेषज्ञ प्रो. एस.पी. तिवारी का कहना है—

> “यह निर्णय अल्पावधि में सरकारी खजाने पर बोझ जरूर बढ़ाएगा, लेकिन दीर्घकाल में इसका सकारात्मक प्रभाव बाजार की गतिविधियों और उपभोक्ता खर्च पर पड़ेगा। यह कदम उपभोग आधारित विकास को बल देगा।”



महंगाई से राहत की उम्मीद

जहां एक ओर देशभर में पेट्रोल-डीजल, खाद्य पदार्थों और दैनिक उपयोग की वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी से आमजन परेशान है, वहीं यह घोषणा कुछ हद तक राहत देने वाली है। कर्मचारियों और पेंशनरों का कहना है कि इससे त्योहारों में उनके घरों में “संतोष, सुरक्षा और समृद्धि का दीप” जलेगा।

निष्कर्ष

योगी सरकार का यह फैसला दीपावली से पहले एक संवेदनशील और समयोचित कदम माना जा रहा है। यह न केवल सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को आर्थिक राहत देगा, बल्कि राज्य में खुशहाली और उपभोक्ता विश्वास को भी बढ़ाएगा। महंगाई के इस दौर में सरकार का यह कदम एक बार फिर यह संदेश देता है कि उत्तर प्रदेश में “सेवा, सुशासन और संवेदनशीलता” साथ-साथ चल रहे हैं।



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