उतरी भारत में मिलावट और रिश्वत का बोल बाला
आज कल जैसे ही मौसम बदली हो रहा है वैसे 2 इंसान और उनके दिमाग़ में परिवर्तन आ रहा आए भी क्यों नहीं जितना छोटा कर्मचारी उस की छोटी तन्खाह उसी में गुजारा करता जितना बड़ा कर्मचारी उस की बड़ी तन्खाह लेकिन उस का उस से भी नहीं चलता सरकार कैसे तह करे कि इन का पेट कैसे भरा जाए लोग। कैसे किसी के ऊपर भरोसा करे आज ईमानदार दिखने वाला आदमी कल कोई बेईमान कैसे बन जाता बस यही हम लोगों की भूख बढ़ गईं वफादारी बरक़रार नहीं रखी जाती हर महकमे में ऐसे काम होते पिछले दिनों आप ने देखा था एक आर्मी कर्नल कैसे रेजीमेंट एकाउंट खुलवा के उस में पैसे निकालता रहा ऐसे लोग साइकोलॉजी बीमार होते है
अभी देखो भुल्लर साहिब ने 5 लाख लेकर अपनी छवि ख़राब कर ली कहते हैं हर महीने स्क्रैप वाले से 5लाख तह किया गया था
आगे चलते:=