
भारत रत्न बाबा साहब अंबेडकर के नाम पर राजनीति: समाज को तोड़ने का नहीं, जोड़ने का बने संदेश – रेंशी श्याम गुप्ता
संविधान निर्माता समिति के सभी सदस्यों ने मिलकर भारत के भविष्य की नींव रखी थी…. श्याम गुप्ता
रायगढ़। भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर, जिन्होंने भारत के संविधान की रचना कर देश को समानता, स्वतंत्रता और भाईचारे के सिद्धांतों पर एक सूत्र में बांधा, आज राजनीतिक स्वार्थों के कारण जाति और वर्ग की सीमाओं में बांध दिए जा रहे हैं। सामाजिक कार्यकर्ता एवं नागरिक सुरक्षा सेवा संगठन के संस्थापक, ड्रीम स्पार्क एजुकेशन एकेडमी शिक्षण संस्थान के प्रदेश ब्रांड एम्बेसडर रेंशी श्याम गुप्ता ने कहा कि यह “राष्ट्रीय चिंतन” का गंभीर विषय है कि आखिर कब तक हमारे देश के महापुरुषों को राजनीतिक लाभ के लिए जातिगत चश्मे से देखा जाएगा।
श्याम गुप्ता ने कहा कि डॉ. अंबेडकर केवल एक समाज या वर्ग के नहीं, बल्कि पूरे भारत के महान संविधान निर्माता थे। संविधान समिति में डॉ. अंबेडकर सहित अनेक विद्वानों और राष्ट्रभक्तों का योगदान रहा, लेकिन आज उनके सामूहिक प्रयासों को भुलाकर केवल विभाजनकारी राजनीति की जा रही है।
उन्होंने कहा कि बाबा साहब के विचार “शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो” पूरे मानव समाज के लिए प्रेरणा हैं। उन्हें केवल एक वर्ग का प्रतीक बनाना उनके आदर्शों और योगदान का अपमान है।
रेंशी श्याम गुप्ता ने कहा कि अब समय आ गया है कि देश ऐसे विभाजनकारी विचारों से ऊपर उठे और सभी समाज एक साथ मिलकर बाबा साहब के बताए रास्ते पर चले — जहां हर नागरिक को समान अधिकार और सम्मान मिले।
उन्होंने यह भी कहा कि यदि हम महापुरुषों को जाति या राजनीति की सीमाओं में बांधते रहेंगे तो “एक भारत श्रेष्ठ भारत” का सपना अधूरा रह जाएगा।