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मालखाना कांड में हड़कंप : प्रधान आरक्षक ने उड़ाए 55 लाख और गहने, पुलिस ने दबिश में 140 ग्राम सोना बरामद किया – कई और नाम आ सकते हैं सामने



बालाघाट। कोतवाली थाना में तैनात प्रधान आरक्षक राजीव पंद्रे की करतूत ने पूरे पुलिस विभाग की नींद उड़ा दी है। जिस पर जनता भरोसा करती है, वही मालखाने से माल उड़ा ले गया। पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपी ने थाना मालखाने से करीब 55 लाख रुपये नगद और सोने-चांदी के जेवरात पार कर दिए। मामले के उजागर होते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया।

दो वर्षों से मालखाना प्रभारी रहे आरोपी राजीव पंद्रे पर आरोप है कि उसने धीरे-धीरे जब्त किए गए अपराधों से जुड़े रुपये और गहने निकालना शुरू किया था। जब मामले की भनक वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंची, तो जांच में सामने आया कि मालखाने से भारी मात्रा में रकम और गहने गायब हैं।

सूत्र बताते हैं कि राजीव पंद्रे न सिर्फ चोरी करता था बल्कि उसी रकम से जुआ भी खेला करता था। यही नहीं, पुलिस ने जिन 40 लाख रुपये की रिकवरी दिखाई है, उसमें से एक बड़ा हिस्सा उन्हीं जुआरियों के पास से बरामद किया गया, जिनके साथ आरोपी पैसे उड़ाता था।

पुलिस की लीपापोती पर उठे सवाल
मीडिया के दबाव में देरशाम पुलिस ने प्रेस नोट जारी कर आरोपी की गिरफ्तारी और 40 लाख रुपये की बरामदगी की पुष्टि तो की, लेकिन कई अहम सवालों से किनारा कर लिया। आखिर आरोपी कब से मालखाने से रकम निकाल रहा था? क्या उसने यह रकम एक साथ उड़ाई या टुकड़ों में? और सबसे बड़ा सवाल — क्या इसमें अन्य पुलिसकर्मी भी शामिल थे?

इन सवालों पर पुलिस का जवाब रहा – “मामले की जांच जारी है।”
लेकिन इतना बड़ा घोटाला अकेले एक आरक्षक के बूते कैसे हो गया, इस पर अब तक कोई ठोस जवाब नहीं मिला है।

ज्वेलर्स के ठिकाने से मिला 140 ग्राम सोना
आरोपी की निशानदेही पर पुलिस ने शहर के राजवंश ज्वेलर्स पर दबिश दी। वहां से करीब 140 ग्राम सोने के जेवर बरामद किए गए हैं। पुलिस ने 9 आइटम के रूप में यह सोना जब्त किया है। फिलहाल यह साफ नहीं है कि ज्वेलर ने यह गहने खरीदे थे या गिरवी रखे थे।

मामले की जांच का जिम्मा डीएसपी महिला सेल प्रतिष्ठा राठौर को सौंपा गया है। उन्होंने बताया कि आरोपी ने पूछताछ में ज्वेलर को गहने देने की बात स्वीकारी है, जिसके बाद दबिश दी गई।

और भी खुलासे संभव, बढ़ सकती है आरोपियों की संख्या
पुलिस सूत्रों की मानें तो जांच की आंच अब कुछ अन्य पुलिसकर्मियों और स्थानीय जुआरियों तक पहुंचने वाली है। संभावना है कि आने वाले दिनों में कुछ और नाम आरोपी सूची में जुड़ सकते हैं।

सूत्र यह भी बताते हैं कि आरोपी के घर से भी नकदी बरामद की गई है। पुलिस अब उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ में यह जानने की कोशिश करेगी कि उसने यह रकम और गहने कहां-कहां खर्च किए या छिपाए हैं।

जनता में आक्रोश, विभाग की साख पर दाग
इस पूरे प्रकरण ने बालाघाट पुलिस की साख पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। थाना मालखाना, जो सुरक्षित स्थान माना जाता है, वहीं से करोड़ों का माल गायब होना विभागीय निगरानी की पोल खोलता है। जनता अब पूछ रही है — “जब मालखाना सुरक्षित नहीं, तो आम जनता कैसे सुरक्षित रहेगी?”

फिलहाल आरोपी राजीव पंद्रे को गिरफ्तार कर न्यायिक प्रक्रिया के तहत रिमांड पर लिया जा रहा है। लेकिन पुलिस विभाग के भीतर यह मामला ‘सिस्टम की सबसे बड़ी चूक’ के रूप में देखा जा रहा है।

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