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दीवाली कब है? अब और कोई कंफ्यूजन नहीं! 🪔

(Final Calendar • Deepavali 2025)

दीवाली की तारीख़ हर साल बदलती है —
क्योंकि यह अमावस्या तिथि पर निर्भर करती है,
जब सूर्य और चंद्रमा एक ही स्थान पर आकर
अंधकार को नया जन्म देते हैं।

🤔 तो इस बार कंफ्यूजन क्यों हुआ?

इस साल अमावस्या तिथि का समय थोड़ा अलग है —
यह 20 अक्टूबर शाम 3:44 बजे शुरू होकर
21 अक्टूबर शाम 5:55 बजे तक रहेगी।

“लक्ष्मी पूजन उसी दिन किया जाता है,
जब अमावस्या तिथि प्रदोषकाल (शाम का समय) में हो।”


20 अक्टूबर की शाम को ही अमावस्या प्रारंभ हो जाएगी,
और 21 अक्टूबर की शाम तक चलेगी —
इसलिए कुछ लोग 21 तारीख़ मान रहे हैं,
जबकि धार्मिक दृष्टि से पूजा 20 अक्टूबर की रात को ही उचित है।

📅 दीवाली की सही तिथियाँ (2025)

🛍️ 18 अक्टूबर (शनिवार) — धनतेरस
आरोग्य और समृद्धि की आराधना।
दीप, सोना या कोई शुभ वस्तु खरीदने का दिन।

🌙 19 अक्टूबर (रविवार रात) — छोटी दीवाली / नरक चतुर्दशी
रात 10:18 बजे से चतुर्दशी तिथि आरंभ।
यमदीप दान और नरकासुर-वध की याद —
जब पहली बार अंधकार पर प्रकाश की विजय हुई।

🪷 20 अक्टूबर (सोमवार रात) — मुख्य दीवाली / लक्ष्मी पूजन
अमावस्या तिथि शाम 3:44 बजे से प्रारंभ।
प्रदोषकाल (6:00 से 8:00 PM) में पूजन सर्वोत्तम।
यही रात होगी मुख्य लक्ष्मी पूजा की।

🌄 21 अक्टूबर (मंगलवार) — गोवर्धन पूजा / अन्नकूट
श्रीकृष्ण का पर्व — श्रद्धा, भोजन और कृतज्ञता का उत्सव।

👫 22 अक्टूबर (बुधवार) — भाई दूज
भाई-बहन के स्नेह और सुरक्षा का पर्व।

संक्षेप में याद रखिए:

🕯 19 अक्टूबर रात — छोटी दीवाली (नरक चतुर्दशी)
🪔 20 अक्टूबर रात — बड़ी दीवाली (लक्ष्मी पूजन)
🌄 21 अक्टूबर — गोवर्धन पूजा

“दीवाली कोई तारीख़ नहीं, एक अनुभूति है।
जब भीतर की अमावस्या बुझती है,
तब हर मन दीप बन जाता है।”

इस बार दीवाली की शुरुआत 19 अक्टूबर रात से होगी,
और मुख्य पूजन 20 अक्टूबर रात को होगा —
क्योंकि प्रकाश हमेशा पहले जागता है,
फिर अमावस्या भी उजाला बन जाती है।

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