
अखिल भारतीय जांगिड़ ब्राह्मण महासभा आध्यात्मिक प्रकोष्ठ के कार्यकारी अध्यक्ष रामपाल शर्मा (जांगिड़) कौन है ?
अ.भा.जा.ब्रा. महासभा आध्यात्मिक प्रकोष्ठ के कार्यकारी अध्यक्ष रामपाल शर्मा (जांगिड़ ) कौन है ?
अखिल भारतीय जांगिड़ ब्राह्मण महासभा द्वारा अधिकृत आध्यात्मिक प्रकोष्ठ के कार्यकारी अध्यक्ष रामपाल शर्मा जांगिड़ कौन है ? कई लोग सोचते होंगे की महासभा के प्रधान ही इसके कार्यवाहक अध्यक्ष है। लेकिन ऐसा नहीं है आध्यात्मिक प्रकोष्ठ के कार्यकारी अध्यक्ष का संक्षिप्त परिचय पाठकों एवं महासभा सदस्यों के ज्ञानार्जन हेतु यहां प्रस्तुत है।
आध्यात्मिक प्रकोष्ठ कार्यकारी अध्यक्ष का नाम रामपाल शर्मा के पिता का नाम स्मृति शेष धनसिंह जांगिड़ है। दिनांक 7 नवम्बर 1949 को ग्राम बिजरौल जिला बागपत उत्तर प्रदेश में माता ज्ञान देवी की कोख से आपका जन्म हुआ, दादा नोबतमल जांगिड़ ने प्रेम से आपका नाम रामपाल रखा।
आपकी आरम्भिक शिक्षा गांव की स्कूल में हुई। फ़िर आपने अपने परिश्रम और लगन से विवाह उपरांत पत्राचार से उच्च शिक्षा प्राप्त कर शिक्षा विभाग में पदस्थापित हुए। आपका विवाह श्रीमती कुन्ती रानी के साथ हुआ शिक्षा का महत्व समझते हुए पत्नि को उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित किया। फल स्वरूप 7 वी पास कुन्तीरानी पत्राचार से उच्च शिक्षा प्राप्त कर दिल्ली नगर निगम में प्रधानाचार्य बनी। वर्तमान में आप दोनों पति-पत्नी सेवा निवृत्त वरिष्ठ नागरिक हैं।
आपने शिक्षा का महत्व समझते हुए अपने पुत्र राजीव शर्मा को उच्च शिक्षा दिलवाकर शिक्षित एवं संस्कारित सविता शर्मा, के साथ विवाह किया जो गृह स्वामिनी है । आपकी दो पुत्रीयां श्रीमती ममता शर्मा, गृह स्वामिनी और श्रीमती प्रीति शर्मा M.Lib. पुस्तकालय अध्यक्ष दिल्ली नगर निगम में सेवारत है। पौत्र : श्री सिद्धांत शर्मा M.Tech.जर्मनी में अध्यनरत है।
आपने आध्यात्मिक ज्ञान प्रचार-प्रसार के उदेश्य से 'भगवत प्राप्ति के साघन पुस्तक लिखकर वितरण की इसके अलावा आपने आध्यात्मिक एवं सामाजिक पत्रिकाओं- विश्वकर्मा टूडे, दीप विश्वकर्मा, जांगिड़ ब्राह्मण मासिक आदि सामाजिक पत्रिकाओं में आध्यात्मिक ज्ञानवर्धक लेख कविताएं आदि लिखकर समाज में आध्यात्मिकता और सदाचार तथा सनातन सांस्कृतिक का ज्ञान फैलाने का स्तुत्य प्रयास किया जो अब भी जारी है। इसके अलावा आपने Govt. Aided Teacher Association), Delhi State, महासचिव RWA, एवं सह सम्पादक 'जांगिड ब्राह्मण' पत्रिका आदि के माध्यम से समाज सेवा के आयाम स्थापित किए।
वर्तमान में आपका निवास 5-82 परमपुरी, उत्तम नगर, दिल्ली है।आपकी दिनचर्या प्रात ब्रह्म मूहर्त से चालू होती है जिसमें उठते ही प्रातः काल के मंत्र फिर शोचादि नित्य कर्म के बाद ध्यान का अभ्यास, योग, व्यायाम के उपरांत स्वाध्याय आपका नैमितिक कर्म है। इस आयु में जबकि मनुष्य मोह माया में ग्रसित रहता है आपकी अभिरुचि आध्यात्मिक चिंतन, मनन, स्वाध्याय एवं लेखन कार्य की और अग्रसर है जो आपको महान सिद्ध करती है आपकी इन्हीं खुबियो और साधना के फलस्वरूप महासभा के प्रधान जी ने आपको आध्यात्मिक प्रकोष्ठ का कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त किया है जो उचित ही है।
अखिल भारतीय जांगिड़ ब्राह्मण महासभा आध्यात्मिक प्रकोष्ठ के कार्य वाहक अध्यक्ष बनने के बाद आपकी प्राथमिकता क्या है ? इस विषय में पुछने पर आपने बताया कि- महासभा अध्यात्मिक प्रकोष्ठ के माध्यम से आध्यात्मिक ज्ञान का प्रचार-प्रसार करते हुए सामाजिक कुरीतियों के उन्मूलन के प्रति समाज को जागरूक करना एवं स्वंय के आचरण के माध्यम से दुसरो को प्रेरित करने का प्रयास करना मेरी प्राथमिकता है । अखिल भारतीय जांगिड़ ब्राह्मण महासभा एवं आध्यात्मिक प्रकोष्ठ को अपने कार्यवाहक अध्यक्ष तपस्वी साधक पर गर्व है। पाठकों एवं समाज बंधुओ को चाहिए कि समाज के ऐसे ज्ञानवृद्ध समाज बंधुओ से प्रेरणा एवं शिक्षा ग्रहण कर अपना भविष्य सुधारने का सदप्रयास करें।
घेवर चन्द आर्य पाली
प्रवक्ता आध्यात्मिक प्रकोष्ठ