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*शासनादेश के विरुद्ध लेखपालों की तैनाती

*शासनादेश के विरुद्ध लेखपालों की तैनाती*

इटावा। "जब अंधा बांटे रेवड़ी फिर फिर अपनो को दे" ये मुहावरा चरितार्थ होता है जनपद इटावा में लेखपालों के तैनाती के सम्बन्ध मे पूर्व से सन 2004 के शासनादेश एवं पुनः जारी दिनांक 03/09/2025 को जारी शासनादेश को नजर अंदाज कर स्थानांतरण लेखपालों की तैनाती उनके गृह ब्लॉक में कर दिया गया। राजस्व विभाग द्वारा जारी शासनादेश 2004 के क्रम में तैनाती उनके गृह ब्लॉक मे नहीं होनी चाहिए थी परंतु तहसीलों में लेखपालों की तैनाती उसी क्षेत्र में अधिकारियों ने अपने निजी हितों के लिए शासन की भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति मे पलीता लगा कर तहसील के गृह ब्लॉक में तैनाती कर दी गई है।
शासन से दिनांक 10/09/2025 तक लेखपालों का स्थानांतरण उनके गृह ब्लॉक से हटाकर अन्य क्षेत्र पर करना था परंतु शासनादेश की अवेहलना कर अपने चहतों की तैनाती उनके गृह ब्लॉक मे कर दी जिससे तहसील मे पक्षपात और भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा इसका विरोध कई समाजसेवियों व वकीलो द्वारा किये जाने की बात सामने आयी है द्वारा ।

ऐसा एक उदाहरण इटावा तहसील पक्षपाती लेखपाल रामकुमार का भी है जो बढपुरा ब्लॉक के सराय भगत ग्राम का रहने वाला है तथा तैनाती बढपुरा ब्लॉक के गांव मानिकपुर बिसु पर पोस्टेड है जो सरासर शासनदेश तथा सरकार की भ्रस्टाचार की जीरो टोलरेंस की नीति का उल्लंघन है
समाजसेवियों ने डीएम इटावा से प्रकरण मे जाँच कर कारवाही की मांग की है।

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