
बीस साल से बिछड़े कैलाश को परिवार मिला
अपना घर आश्रम में दिसम्बर 2018 को एक मानसिक विमंदित व्यक्ति के लावारिस अवस्था में पड़े होने की सूचना प्राप्त होने पर अपना घर आश्रम की टीम द्वारा उन्हें आश्रम में आश्रय दिया और उसकी चिकित्सा सेवा प्रारम्भ कर दी ।प्रभु जी नाम से पुकारे जाने वाले इस व्यक्ति ने अपना नाम कैलाश बताया लेकिन अन्य जानकारी देने में असमर्थ था ।
नियमित चिकित्सा तथा कॉन्सलिंग के बाद धीरे धीरे स्वास्थ में सुधार आने पर लगभग आठ साल बाद वह अपने पिता का नाम और निवास के संबंध में बताने योग्य हुआ।प्राप्त जानकारी पर उसके परिजनों से बात की और ह्वाट्सऐप पर कैलाश की बात उसके भाई से कराई तो उसके भाई दिलीप ने तुरंत उन्हें पहचान लिया ।मध्यप्रदेश के सुनेरा,साजापुर निवासी उसका भाई दिलीप मालवीय अपने मित्र के साथ आज अपना घर आश्रम अपने भाई कैलाश पुत्र निर्भय सिंह को लेने के आए और भाई को स्वस्थ पाकर बड़े प्रसन्न हुए ।
दिलीप ने बताया कि मानसिक विमंदित होने के कारण कैलाश 2005 से घर से लापता हुआ था ।कुछ वर्षों पूर्व उनके पिता का भी देहांत हो गया ।परजनों ने इन्हें बहुत ढूँढने की कोशिश की ,लेकिन सफलता नहीं मिली ।कुछ वर्षों से परिजनों ने उन्हें ढूँढने का प्रयास भी छोड़ दिया था लेकिन अपना घर आश्रम के सेवासाथी द्वारा फ़ोन पर कैलाश से बात कराई तो हम आश्चर्य चकित रह गए ,लेकिन फ़ोन पर कैलाश से बात करने पर संतुष्टि हुई और तुरंत हम कोटा के लिए रवाना हो गए ।दिलीप अपने भाई से मिलकर भावविभोर हो गए और अपना घर आश्रम की टीम का आभार प्रकट किया ।
डॉ योगेन्द्र मणि कौशिक
कोटा