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*शायरी Shayeri* "कुछ तो अलग है हम दोनों में"

लोगो का कहना है कि कुछ तो अलग है, तुम दोनों में। हा कुछ तो अलग है, हम दोनो में। ये आप नहीं समझ पाओगे।
ये रिश्ता कुछ अलग है। दोस्ती से कुछ ज्यादा और मोहब्बत से कुछ कम है। जो बाते-सिकायते किसी से ना कर सके वो कर लेते हैं आपस मे।
हा हम सिर्फ दोस्त तो नहीं क्योंकि दोस्ती में हर बात चुप-चाप मान नहीं लिया करते और मोहब्बत भी तो नहीं हैं क्योंकि हम, हमराज भी हैं एक दूजे के, और जो महबूब हो वो हमराज नहीं हुआ करते, और जो हमराज हो वो महबूब नहीं हुआ करते।
हा माना की, दोस्ती में लड़का-लड़की की एक सीमा होती है, और मोहब्बत में वो सीमा पार होती है। लेकिन हमने कभी लड़का-लड़की के तोर से देखा ही नहीं एक दूजे को, इसलिए हम-मे ना तो कोई सीमा होती है, और ना ही कोई सीमा पार होती है। मैंने कहा था ना की ये रिश्ता कुछ अलग है, तुमको समझ नहीं आएगा, ये रिश्ता कुछ अलग है।
--असलम बाशा (A. B.)

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