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गीतांजलि जे अंगमो: सोनम वांगचुक की पत्नी, कराटे चैंपियन से सामाजिक उद्यमी तक का प्रेरणादायक सफर


गीतांजलि जे अंगमो (Gitanjali J Angmo) लद्दाख के प्रसिद्ध पर्यावरण कार्यकर्ता और शिक्षाविद् सोनम वांगचुक की पत्नी हैं। वे खुद एक सफल सामाजिक उद्यमी, शिक्षाविद् और आध्यात्मिक चिंतक हैं, जिन्होंने ओडिशा के बालासोर से शुरू करके ऑक्सफोर्ड जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों तक का सफर तय किया है। हाल ही में, सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के बाद वे उनके रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू तक पहुंच चुकी हैं। आइए, उनके जीवन की प्रमुख बातों पर नजर डालें।

#### प्रारंभिक जीवन और परिवार
- **जन्म और पृष्ठभूमि**: गीतांजलि का जन्म 1973 या 1974 में ओडिशा के बालासोर जिले में एक पंजाबी जैन व्यापारिक परिवार में हुआ। उनके दादा-दादी विभाजन के दौरान लाहौर से भारत आए थे। वे एक हिंदू (जैन) परिवार से हैं, जबकि सोनम वांगचुक बौद्ध हैं। यह अंतर-धार्मिक विवाह 2000 के दशक में हुआ।
- **परिवार**: सोनम वांगचुक के साथ उनका वैवाहिक जीवन है। उनके दो बच्चे हैं – एक बेटा आर्यन (जो कराटे में ब्लैक बेल्ट धारक है) और एक बेटी। गीतांजलि और आर्यन दोनों ही कराटे में ब्लैक बेल्ट (दो दान स्तर) प्राप्त कर चुके हैं।

#### शिक्षा: ओडिशा से ऑक्सफोर्ड तक
गीतांजलि की शिक्षा का सफर सामान्य से असाधारण की ओर बढ़ा:
- **स्कूली शिक्षा**: बालासोर में ही प्रारंभिक शिक्षा।
- **स्नातक**: फिजिक्स में स्नातक (फकीर मोहन यूनिवर्सिटी, ओडिशा)।
- **पोस्ट-ग्रेजुएट**: भुवनेश्वर के ज़ेवियर इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (XIMB) से एमबीए (मार्केटिंग और फाइनेंस में)।
- **उच्च शिक्षा**: ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से एग्जीक्यूटिव एजुकेशन प्रोग्राम (ऑक्सफोर्ड स्ट्रैटेजिक लीडरशिप प्रोग्राम)। वर्तमान में, वे श्री सत्य साई यूनिवर्सिटी फॉर ह्यूमन एक्सीलेंस से एजुकेशन में पीएचडी कर रही हैं, जहां फोकस इंटीग्रल एजुकेशन फ्रेमवर्क पर है।

#### उपलब्धियां: कराटे चैंपियन से डांसर तक
- **कराटे में विश्व चैंपियन**: गीतांजलि एक प्रमाणित कराटे ब्लैक बेल्ट (दो दान) हैं। उन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई पदक जीते, जिसमें विश्व चैंपियनशिप में भी शामिल हैं। यह उनके अनुशासन और दृढ़ता का प्रतीक है।
- **नृत्य**: वे ओडिसी डांस और रूसी बोलशोई बैले की प्रशिक्षित नृत्यांगना हैं। लद्दाख में उन्होंने डेजर्ट फ्लावर स्कूल की स्थापना की, जो रचनात्मकता, उच्च-स्तरीय सोच और आध्यात्मिक जीवन पर केंद्रित है।
- **पुरस्कार**: भारत सरकार से 'वुमन ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया अवॉर्ड' प्राप्त।

#### करियर: सामाजिक उद्यमिता और शिक्षा में योगदान
- **प्रारंभिक करियर**: ओडिशा में उद्यमी के रूप में काम किया।
- **लद्दाख में योगदान**: 2017 में पति सोनम के साथ हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स, लद्दाख (HIAL) की सह-स्थापना की। HIAL पहाड़ी समुदायों के लिए वैकल्पिक उच्च शिक्षा मॉडल प्रदान करता है। वे इसके फाउंडर, सीईओ और डीन हैं।
- **अन्य पहल**: 2022 में 'ट्रांसफॉर्म इंडिया' की स्थापना की, जो राष्ट्र-निर्माण के लिए समग्र दृष्टिकोण पर काम करती है। वे श्री अरविंदो की दर्शन, वेदों और उपनिषदों की आजीवन विद्यार्थी हैं, और अपनी शैक्षिक योजनाओं में आध्यात्मिक अंतर्दृष्टि को शामिल करती हैं।
- **उम्र**: वर्तमान में लगभग 51-52 वर्ष की।

#### हालिया घटनाएं: सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी और संघर्ष
सितंबर 2024 में लद्दाख में राज्यhood और 6ठे शेड्यूल की मांग पर हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद सोनम वांगचुक को नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) के तहत गिरफ्तार कर जोधपुर जेल भेज दिया गया। गीतांजलि ने उनकी रिहाई के लिए:
- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा।
- 2 अक्टूबर 2025 को सुप्रीम कोर्ट में हेबियस कॉर्पस याचिका दायर की, जिसमें NSA लगाने पर सवाल उठाए और तत्काल रिहाई की मांग की।
- उन्होंने आरोप लगाया कि यह एक 'विच-हंट' है, जो 4 वर्षों से चल रहा है, और सोनम कभी राष्ट्र के लिए खतरा नहीं हो सकते।

गीतांजलि का जीवन संघर्ष, शिक्षा और सेवा का प्रतीक है – ओडिशा की एक साधारण लड़की से लद्दाख की प्रेरणा तक। वे न केवल पत्नी के रूप में, बल्कि एक मजबूत कार्यकर्ता के रूप में भी जानी जाती हैं।
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