logo

संक्षेप : बरबीघा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक ने मनाया शरद पूर्णिमा उत्सव : शाखा, खेल और बौद्धिक कार्यक्रम आयोजित, सैकड़ो की संख्या में स्वयंसेवक हुए शामिल

संक्षेप : बरबीघा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक ने मनाया शरद पूर्णिमा उत्सव : शाखा, खेल और बौद्धिक कार्यक्रम आयोजित, सैकड़ो की संख्या में स्वयंसेवक हुए शामिल..
* संवाददाता: तरुण कुमार के रिपोर्ट बरबीघा से
* published by: Star News Bihar..
* खबर विस्तार से..
* बरबीघा / शिशु मंदिर विद्यालय: शेखपुरा जिले के बरबीघा मैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने, बरबीघा के शिशु मंदिर विद्यालय के प्रांगण में शरद पूर्णिमा उत्सव का आयोजन किया गया. इस अवसर पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए. जिसमें बड़ी संख्या में स्वयंसेवकों ने भाग लिया.
* आपको बताते चले की उत्सव की शुरुआत संघ की शाखा से हुई. इसके बाद खेल प्रतियोगिताएं, सामूहिक गीत, अमृत वचन और एकल गीत जैसे कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए. जिन्होंने उपस्थित लोगों का ध्यान आकर्षित किया. बता दे की नालंदा विभाग के शारीरिक प्रमुख श्री अनिल कुमार बरबीघा खंड के खंड कारबाह श्री पंकज कुमार चंद्रवंशी, एवं नगर बौद्धिक प्रमुख शिवम राज, एवं अमन कुमार, अंजनी पांडे, तरुण कुमार, सुधीर कुमार, हीरालाल सिंह और अन्य बहुत सारे स्वयंसेवक एवं गण्यमान लोग उपस्थित रहे.
* बताते चले की नालंदा की शारीरिक प्रमुख श्री अनिल कुमार ने बौद्धिक दिया. उन्होंने आरएसएस के कार्यों और उत्सव मनाने के महत्व के बारे में विस्तार पूर्वक बताया. उन्होंने यह भी कहा कि संघ के स्वयंसेवकों को समाज की अपेक्षाओं के अनुरूप हमेशा तैयार रहना चाहिए.
* वक्ताओं ने बताया कि यह उत्सव भेदभाव को समाप्त करने वाला है. उन्होंने दूध, चीनी और चावल के मिश्रण से खीर बनने का उदाहरण देते हुए कहा कि जिस प्रकार खीर के लिए सभी सामग्री का मिलना आवश्यक है उसी प्रकार सभी जातियों को मिलकर ही हिंदुत्व की कल्पना संभव है. उन्होंने मां भारती को पुनः विश्व गुरु बनाने के लिए सभी को एकजुट होने का आह्वान किया. उन्होंने बताया कि संघ में शरद पूर्णिमा क्यों मनाया जाता है. इस पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बताया कि प्रत्येक पूर्णिमा के दिन चंद्रमा पृथ्वी के निकट आ जाती है. और यह अपनी 16 कलाकृतियां को प्रदर्शित करता है तथा शरद पूर्णिमा की रात पौराणिक कथा के अनुसार रात में आकाश में अमृत की वर्षा होती है. जिसे पाने के लिए खीर बनाया जाता है और सम सेवकों के बीच खीर का प्रसाद के रूप में बांटा जाता है. जिसे सभी खुशी-खुशी ग्रहण करते हैं.
*

1
24 views