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18 अक्टूबर से खुल जाएंगे स्वर्णमयी अन्नपूर्णेश्वरी के कपाट, पांच दिन दुनिया भर के भक्त करेंगे मां के दर्शन, अन्न-धन का मिलेगा आशीर्वाद


वाराणसी। धनतेरस के शुभ अवसर पर इस वर्ष भी काशी नगरी में भक्तों को मां अन्नपूर्णा देवी के स्वर्णमयी स्वरूप के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त होगा। मां अन्नपूर्णेश्वरी के स्वर्णमयी विग्रह के कपाट 18 अक्टूबर को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे और 22 अक्टूबर को शयन आरती के बाद अगले वर्ष के लिए बंद कर दिए जाएंगे। इस दौरान लाखों श्रद्धालु मां के दर्शन के लिए काशी पहुंचेंगे।



मंदिर के महंत शंकर पुरी महाराज ने बताया कि काशीपुराधीश श्री काशी विश्वनाथ को अन्न और धन की भेंट देने वाली मां अन्नपूर्णेश्वरी हर वर्ष धनतेरस से अन्नकूट पर्व तक अपने स्वर्णमयी स्वरूप में दर्शन देती हैं। मान्यता है कि इन दिनों मां के दर्शन करने से भक्तों के घर-परिवार में कभी अन्न और धन की कमी नहीं होती।

धनतेरस के दिन 18 अक्टूबर से भक्तों के लिए पांच दिन तक मां अन्नपूर्णा का स्वर्णमयी स्वरूप दर्शनार्थ खुला रहेगा। इस अवधि में मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है। काशी के धार्मिक वातावरण में इन दिनों विशेष उल्लास और भक्ति का माहौल व्याप्त रहेगा।
महंत शंकर पुरी ने बताया कि धनतेरस के दिन मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना और आरती का आयोजन किया जाएगा। इस दिन भक्तों को माता का विशेष प्रसाद के रूप में सिक्का और लावा वितरित किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस प्रसाद को तिजोरी या भंडार में रखने से वर्ष भर घर में समृद्धि और सुख-शांति बनी रहती है।

मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं शुरू कर दी हैं। दर्शन के लिए आने वाले भक्तों की सुरक्षा और सुचारू दर्शन व्यवस्था के लिए पुलिस व स्वयंसेवक तैनात रहेंगे। धनतेरस से अन्नकूट तक चलने वाले इस पावन पर्व को लेकर काशी के मंदिरों में तैयारियां जोरों पर हैं। भक्तों में मां अन्नपूर्णेश्वरी के स्वर्णमयी स्वरूप के दर्शन को लेकर विशेष उत्साह देखने को मिल रहा है। माना जाता है कि धनतेरस पर मां के स्वर्णमयी दर्शन करने वाला हर भक्त धन, अन्न और सौभाग्य से परिपूर्ण हो जाता है।

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