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मसूरी मॉल रोड : वेंडर विवाद में नया मोड़ निर्माण रुका, फ्ली मार्केट का सुझाव आया सामने, सरकार का आदेश भी हुआ उजागर

मसूरी।
मॉल रोड पर वेंडरों को लेकर जारी विवाद अब निर्णायक मोड़ पर पहुँच गया है। नगर पालिका परिषद द्वारा मॉल रोड के निचले हिस्से (गढ़वाल टैरेस–रिट्ज सिनेमा और झूलाघर क्षेत्र) में लगभग 100 दुकानों का निर्माण शुरू किया गया था। लेकिन स्थानीय नागरिकों और व्यापारियों के तीखे विरोध के बाद इस निर्माण कार्य को फिलहाल रोक दिया गया है। नागरिकों का कहना था कि यह योजना मॉल रोड की ऐतिहासिक गरिमा और पर्यटन माहौल को पूरी तरह बिगाड़ देगी।

पूर्व पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता सहित कई लोगों ने इसे अवैध और सरकारी आदेशों के विपरीत बताया। उन्होंने याद दिलाया कि 21 जुलाई 2023 को मुख्य सचिव की बैठक में साफ़ कहा गया था कि मॉल रोड का रख-रखाव लोक निर्माण विभाग (PWD) तथा नियमन जिला प्रशासन और नगर पालिका परिषद के अधीन होगा, और इसे हर हाल में अतिक्रमण-मुक्त रखा जाएगा।

गीता कुमांई का नया सुझाव:

इसी बीच, सभासद गीता कुमांई ने एक व्यावहारिक विकल्प प्रस्तुत किया। उन्होंने किंक्रेग स्थित पार्किंग के एक तल पर ‘ओपन फ्ली मार्केट’ विकसित करने का सुझाव दिया है, ठीक दिल्ली की जनपथ और लाजपत नगर मार्केट की तर्ज़ पर। उनका कहना है कि इससे –

मॉल रोड की गरिमा बनी रहेगी,

अधिकतम वेंडरों को एक ही जगह समायोजित किया जा सकेगा,

और पालिका को भी राजस्व हानि नहीं होगी।

कुमांई ने यह भी स्पष्ट किया कि योजना लागू करने से पहले वेंडरों की बैठक बुलाकर उन्हें विश्वास में लेना होगा तथा वेंडिंग और नॉन-वेंडिंग जोन घोषित करना अनिवार्य होगा।

नागरिकों और व्यापारियों की प्रतिक्रियाएँ

नागरिकों का मानना है कि केवल जगह देना पर्याप्त नहीं होगा। वेंडरों को पालिका से भरोसा, प्रचार और सहयोग भी मिलना चाहिए ताकि उन्हें यह महसूस हो कि मॉल रोड छोड़कर वे अवसर गंवा नहीं रहे बल्कि नया प्लेटफ़ॉर्म पा रहे हैं।

व्यापारी और होटल व्यवसायियों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया है, लेकिन शर्त रखी है कि एक बार फ्ली मार्केट बनने के बाद मॉल रोड पर दोबारा कोई भी पटरी व्यवसाय न बैठे। उन्होंने याद दिलाया कि पूर्व में पद्मिनी निवास रोड, गिरजाघर रोड और झूलाघर–पोस्ट ऑफिस रोड पर अनुमति दी गई थी, जिसके चलते समय के साथ पटरी व्यवसाय लगातार बढ़ते चले गए।

सरकार का आदेश भी आया सामने:
शहरी विकास विभाग के आदेश में साफ़ कहा गया है कि मॉल रोड –

पूरी तरह अतिक्रमण-मुक्त रखी जाए,

अनधिकृत गतिविधियों पर जिलाधिकारी निगरानी रखें,

और नगर पालिका सफ़ाई, सौंदर्यीकरण और मॉनिटरिंग सुनिश्चित करे।

स्पष्ट है कि मसूरी का वेंडर विवाद अब केवल रोज़गार का मुद्दा नहीं रहा, बल्कि शहर की पहचान, सौंदर्य और राजनीति का मिश्रण बन चुका है।
जहाँ एक ओर पालिका द्वारा बनाए जा रहे वेंडर जोन पर काम रोक दिया गया है, वहीं दूसरी ओर गीता कुमांई का फ्ली मार्केट प्रस्ताव नया रास्ता सुझाता है। नागरिक और व्यापारी इस पर सहमत तो दिख रहे हैं, लेकिन शर्त यह है कि मॉल रोड को हमेशा के लिए पटरी मुक्त रखा जाए। सरकार के आदेश भी यही संकेत देते हैं कि मॉल रोड की गरिमा बचाना सर्वोच्च प्राथमिकता है।

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