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सर्व माइकोफाइनेंस, दून समृद्धि निधि और दून इन्फ्राटेक का करोड़ों का निवेश घोटाला: पुलिस ने केस दर्ज कर खाते सीज किए

देहरादून, 04 अक्टूबर 2025: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में तीन कंपनियों—सर्व माइकोफाइनेंस इंडिया एसोसिएशन कंपनी, दून समृद्धि निधि लिमिटेड और दून इन्फ्राटेक कंपनी—ने भोले-भाले निवेशकों को ठगने का सनसनीखेज मामला सामने आया है।

इन कंपनियों ने आकर्षक योजनाओं के जाल में फंसाकर लाखों-करोड़ों रुपये हड़प लिए और अब मुख्य संचालक फरार हैं। देहरादून पुलिस ने पीड़ितों की शिकायत पर कड़ा एक्शन लेते हुए मुकदमा दर्ज किया और कंपनियों के बैंक खाते सीज कर दिए हैं।

पीड़ित निवेशकों ने आज वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) देहरादून से मुलाकात कर अपनी आपबीती सुनाई। उन्होंने बताया कि इन कंपनियों ने दैनिक जमा, आवर्ती जमा, फिक्स्ड डिपॉजिट, मंथली इनवेस्टमेंट प्लान और सुकन्या प्लान जैसी लुभावनी स्कीमों के जरिए ऊंचे ब्याज और मुनाफे का लालच दिया।

निवेशकों ने अपनी मेहनत की कमाई इन स्कीमों में लगाई, लेकिन समयसीमा पूरी होने के बाद न मूल राशि मिली और न ही कोई ब्याज। कंपनियां बंद हो चुकी हैं, और उनके मालिक गायब हैं।

"हमारी जिंदगी भर की कमाई डूब गई। ये लोग हमारी मजबूरी का फायदा उठा रहे हैं," एक पीड़ित ने गुस्से में कहा। अनुमान है कि इस घोटाले में सैकड़ों लोग प्रभावित हुए हैं, और कुल राशि करोड़ों में हो सकती है।

एसएसपी देहरादून ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए 03 अक्टूबर 2025 को नेहरू कॉलोनी थाने में मुकदमा नंबर 348/25 दर्ज किया गया। आरोपियों पर धारा 22/4 (अनियमित जमा योजनाओं पर प्रतिबंध अधिनियम), धारा 3 (उत्तराखंड जमाकर्ताओं के हितों का संरक्षण अधिनियम), और धारा 316(2), 318(4) व 61(2) बीएनएस के तहत कार्रवाई की गई है।

पुलिस ने कंपनियों से जुड़े सभी बैंक खाते फ्रीज कर दिए हैं और गहन जांच शुरू कर दी है।
एसएसपी ने पीड़ितों को आश्वासन दिया कि मुख्य संचालकों की तलाश तेज कर दी गई है और जल्द ही उन्हें पकड़ा जाएगा। "हम इस घोटाले के हर पहलू की जांच कर रहे हैं। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा," उन्होंने कहा। पुलिस ने जनता से अपील की है कि ऐसी लुभावनी स्कीमों से सावधान रहें और निवेश से पहले पूरी जांच करें।
यह घोटाला उत्तराखंड में बढ़ते वित्तीय धोखाधड़ी के मामलों की ओर इशारा करता है। क्या प्रशासन और नियामक संस्थाएं ऐसे फर्जीवाड़ों पर लगाम लगा पाएंगी? जांच के नतीजों और अगली कार्रवाई का इंतजार है।

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