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कटिहार की मनिहारी विधानसभा में वंदना सिंह की पकड़ मज़बूत – जेडीयू से टिकट लगभग तय*


कटिहार जिले की चर्चित मनिहारी विधानसभा सीट पर सियासी हलचल तेज़ हो गई है। जैसे-जैसे बिहार विधानसभा चुनाव नज़दीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे राजनीतिक दलों में टिकट को लेकर माथापच्ची बढ़ गई है। इस बीच जनता दल यूनाइटेड (JDU) से एक बड़ी खबर सामने आ रही है — मनिहारी सीट से वंदना सिंह का टिकट लगभग तय माना जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, पार्टी स्तर पर उनके नाम पर सहमति बन चुकी है और अब सिर्फ आधिकारिक घोषणा बाकी है।

वंदना सिंह न केवल पार्टी संगठन में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं, बल्कि उनका सामाजिक जनाधार भी बेहद मज़बूत माना जा रहा है। विशेषकर अति पिछड़ा वर्ग और निषाद समुदाय के बीच उनकी लोकप्रियता उल्लेखनीय है। स्थानीय स्तर पर किए गए कार्यों, सामाजिक सहभागिता और महिला सशक्तिकरण के मुद्दों पर उनकी सक्रियता ने उन्हें एक लोकप्रिय चेहरा बना दिया है।

पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि इस बार जातीय और सामाजिक समीकरणों को देखते हुए वंदना सिंह सबसे सशक्त विकल्प हैं। यही कारण है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित जेडीयू के शीर्ष नेतृत्व ने भी उनके पक्ष में सकारात्मक संकेत दिए हैं।


वंदना सिंह की राजनीतिक पृष्ठभूमि भी उन्हें अन्य दावेदारों की तुलना में मज़बूती प्रदान करती है। उनके ससुर स्वर्गीय श्री … सिंह, मनिहारी विधानसभा सीट से तीन बार विधायक रह चुके हैं। क्षेत्र में आज भी उनकी पकड़ और जनसंपर्क की गूंज सुनाई देती है। इस राजनीतिक विरासत का लाभ वंदना सिंह को मिलना स्वाभाविक है।

स्थानीय स्तर पर भी वंदना सिंह को लेकर सकारात्मक माहौल बन चुका है। पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच भी उनके नाम को लेकर भारी समर्थन देखने को मिल रहा है।

हाल ही में पटना स्थित जेडीयू प्रदेश कार्यालय में वंदना सिंह के समर्थन में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता जुटे। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और अन्य वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर वंदना सिंह को टिकट देने की मांग की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने स्पष्ट संकेत देते हुए कहा कि —“चिंता की कोई बात नहीं है, मनिहारी से टिकट वंदना सिंह को ही मिलेगा।” मुख्यमंत्री के इस आश्वासन के बाद कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर दौड़ गई और पूरे प्रदेश कार्यालय परिसर में "वंदना सिंह ज़िंदाबाद" और "जेडीयू ज़िंदाबाद" के नारों से माहौल गूंज उठा।

इस पूरे आंदोलन और प्रचार-प्रसार में एक नाम खासतौर पर सामने आ रहा है — राजकुमार शाह, जो कि जिला महासचिव होने के साथ-साथ 20 सूत्री कार्यक्रम के सचिव (अमदाबाद) भी हैं।
राजकुमार शाह की सांगठनिक क्षमता और रणनीतिक योजना ने वंदना सिंह के समर्थन को और गति दी है। वे न सिर्फ पार्टी के भीतर तालमेल बना रहे हैं, बल्कि क्षेत्र के गांव-गांव में कार्यकर्ताओं को संगठित कर जमीनी स्तर पर माहौल तैयार कर चुके हैं।

कार्यकर्ताओं का कहना है कि राजकुमार शाह की चुपचाप लेकिन प्रभावशाली सक्रियता ने पूरे क्षेत्र में वंदना सिंह के नाम को मजबूती से स्थापित किया है।

राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि अगर जेडीयू ने वंदना सिंह को टिकट दिया, तो विपक्ष के लिए मनिहारी सीट पर मुकाबला आसान नहीं रहेगा। अति पिछड़ा वर्ग, महिला मतदाता और निषाद समुदाय का समर्थन पहले से ही उनके पक्ष में देखा जा रहा है।

विशेषज्ञों का कहना है कि जेडीयू अगर इस बार वंदना सिंह को मैदान में उतारती है, तो मनिहारी विधानसभा सीट पर जीत की संभावना बहुत प्रबल हो जाती है।

अब सबकी निगाहें जेडीयू की औपचारिक घोषणा पर टिकी हैं। हालाँकि, मौजूदा हालात और संगठनात्मक गतिविधियों को देखते हुए यह लगभग तय माना जा रहा है कि मनिहारी से वंदना सिंह ही जेडीयू की प्रत्याशी होंगी।

यदि ऐसा होता है, तो मनिहारी की सियासत में एक नई कहानी लिखी जाएगी — एक महिला नेतृत्व के रूप में, जो सामाजिक पकड़, राजनीतिक विरासत और जमीनी संघर्ष तीनों को साथ लेकर चलती है।

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