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नई गाडियों के दाम मे 50% की छुट के झांसे मे फंस रहे हैं लोग, जिला प्रशासन बना अनजान



कैमूर। जिले में कार्यरत राधास्वामी संगठन का दावा है की एजेंसी से नई गाडियों की खरीदारी पर 40 प्रतिशत तक की छुट दी जाएगी जिसके प्रलोभन मे आकर जिले के हजारों लोग ठगी का शिकार हो रहे है तथा संगठन की ओर से इस प्रलोभन के चक्कर मे पड़ कर गाड़ियां खरीद चुके है। लेकिन अगर यह संगठन अपना कार्यालय बंद कर दे तो जनता का क्या होगा ? ये जांच का विषय है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कैमूर जिले मे कार्यरत संगठन राधास्वामी संगठन के द्वारा जिले के कई लोगों को यह प्रलोभन दिया जाता है की दो पहिया, चार पहिया एवं आठ पहिया वाहन सहित कोई भी गाड़ी जो आप एजेंसी से खरीदते है, वहां से न खरीदकर हमारे संगठन के द्वारा चयनित एजेंसी से खरीदने पर गाड़ी के मुल्य पर 40% की छुट दी जाएगी। इसकी जानकारी मिलने पर कई लोगों के द्वारा गाड़ी भी खरीदी गई परंतु संगठन के माध्यम से खरीदे हुए वाहन मालिक अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। क्योंकि संगठन के द्वारा गाड़ी के आधे दाम उपभोक्ता से लेकर संगठन अपने पास रख लेता है और लोन उपभोक्ता के नाम पर करा देता है जिससे भविष्य में उपभोक्ता धोखाधड़ी का शिकार हो सकता है।
लोगों की माने तो जो लोग अर्थिक रूप से पिछड़े है वैसे लोग ऐसे प्रलोभन के चक्कर मे पड़ कर अपने पैसे को दाव पर लगा देते हैं जिसके बाद अगर संगठन अपने कार्यालय को बंद कर देती है तो इन लोगो आर्थिक रूप से नुकसान होता हुआ नजर आ रहा है। लोगों की माने तो राधास्वामी संगठन का कार्यालय पहले भभुआ थाना क्षेत्र के अखलासपुर मे था जिसके बाद भभुआ पूरब स्टैंड के पास एक और कार्यालय का शुभारंभ किया गया। वही अब इस संगठन का कार्यालय कुदरा मे खोला गया है। लोगों ने बताया कि इस संगठन के द्वारा गाड़ी के मूल्य का 60% मूल्य संगठन अपने पास रख लेती है और ग्राहक के नाम पर लोन कराकर ग्राहक को गाड़ी दिलवा देती है वहीँ संगठन के द्वारा गाड़ी के लोन का पैसा ग्राहक के खाते में डाला जाता है। लोगों का कहना है कि अगर संगठन अपने कार्यालय को बंद कर देगी तथा लोन का पैसा नहीं देगी तो हमलोग बर्बाद हो जाएंगे एसा लगता है कि हमलोग ठगी का शिकार हो सकते है। संगठन का क्या कार्य है इसकी जांच जिला प्रशासन को करनी चाहिए। जिससे आने वाले समय में ठगी करने वाले संगठनों के खिलाफ कारवाई कर जनता को ठगी से बचाया जा सके।
आपको बताते चलें कि इस संगठन के द्वारा गाड़ी के अलावा घर और शादी के लिए पैसे देने के नाम पर भी कई योजनाएं चलाकर जनता से पैसे लेने का आरोप लगाया जा रहा है। संगठन के जिलाध्यक्ष विकास कुमार से इस संगठन से संबंधित जानकारी के लिए फोन से बातचीत करने की कोशिश की गई तो उन्होने बताया की अब मै इस संगठन मे जिलाध्यक्ष के पद से मुक्त हो गया हुं। आप नये जिलाध्यक्ष से बात किजिए। आपको बता दे की खबर चलने के बाद जिलाध्यक्ष के द्वारा बताया जा रहा लै की संगठन मे नये जिलाध्यक्ष की नियुक्ती की गई है। लोंगों मे जिलाध्यक्ष के जिम्मेदारी को लेकर चर्चा है की अभी दो दिनो पूर्व विकास कुमार जिलाध्यक्ष थे अचानक कैसे बदल गयें। वही संगठन के नये जिलाध्यक्ष से बातचीत करने पर उनके द्वारा संगठन के कार्य से संबंधित स्पष्ट जवाब नही दिया गया। अब यह जांच का विषय है की क्या इस संगठन के द्वारा 50 प्रतिशत छूट का दावा फर्जी है या सही।

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