
उन्नत पौध रोपण सामग्री से ही किसानों को मिल सकती है अधिक आमदनी – कुलपति डॉ. बलराज सिंह
जोबनेर, श्री कर्ण नरेन्द्र कृषि महाविद्यालय, जोबनेर के उद्यान विभाग में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई-30) के अंतर्गत सात दिवसीय सब्जी बीज उत्पादन प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफलतापूर्वक समापन हुआ। इस प्रशिक्षण में एम.एससी. एवं बी.एससी. अंतिम वर्ष के कुल 175 विद्यार्थियों ने भाग लिया और उद्यानिकी की नवीन तकनीकों एवं सब्जी बीज उत्पादन की विधियों की महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की।
समापन समारोह के मुख्य अतिथि, माननीय कुलपति डॉ. बलराज सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि बढ़ती जनसंख्या के साथ सब्जियों की मांग भी तेजी से बढ़ रही है, जिसे केवल उच्च गुणवत्ता वाले बीज एवं पौध रोपण सामग्री अपनाकर ही पूरा किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि संरक्षित खेती में बीज उत्पादन, खुले खेतों की तुलना में 3 से 5 गुना अधिक होता है। इस अवसर पर डॉ. बलराज सिंह ने प्रतिभागियों को बीज उत्पादन संबंधी साहित्य एवं प्रमाणपत्र भी वितरित किए।
महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. मालीराम चौधरी ने अपने उद्बोधन में बीज उत्पादन के महत्व और इससे होने वाले आर्थिक लाभों पर प्रकाश डाला तथा विद्यार्थियों को इसे व्यवसाय के रूप में अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। प्रशिक्षण में भाग लेने वाले विद्यार्थियों ने कार्यक्रम को अत्यंत उपयोगी बताया और भविष्य में ऐसे और प्रशिक्षण आयोजित करने की मांग की।
प्रशिक्षण संयोजक एवं प्रोजेक्ट प्रभारी डॉ. पुष्पा उज्जैनिया, सहायक प्राध्यापक (उद्यानिकी) ने परियोजना के उद्देश्यों की जानकारी देते हुए कहा कि वर्तमान समय में बीज उत्पादन एक लाभकारी व्यवसाय बन सकता है और इससे किसानों एवं युवाओं को अच्छे मुनाफे के अवसर प्राप्त हो सकते हैं।
प्रशिक्षण के दौरान वैज्ञानिकों डॉ. शैलेष मारकर, डॉ. शैलेष गोदिका, डॉ. पुष्पा उज्जैनिया, डॉ. कैलाश चन्द्र, डॉ. मनोज कुमार मीणा, डॉ. एस.एस. शर्मा, डॉ. आशीष शीरा एवं डॉ. बी.एस. धाकड़ ने विद्यार्थियों को बीज चयन, उपचार, भंडारण एवं विपणन की विधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। अंत में डॉ. कैलाश चन्द्र ने सफल आयोजन के लिए सभी वैज्ञानिकों, प्रशिक्षकों एवं विद्यार्थियों को धन्यवाद ज्ञापित किया।