
असल में पेट्रोल और डीज़ल पर अभी तक GST लागू नहीं हुआ है, जबकि लगभग हर दूसरा सामान GST में शामिल हो चुका है। इसके पीछे कई कारण हैं
असल में पेट्रोल और डीज़ल पर अभी तक GST लागू नहीं हुआ है, जबकि लगभग हर दूसरा सामान GST में शामिल हो चुका है। इसके पीछे कई कारण हैं:
1. राजस्व (Revenue) का बड़ा स्रोत
पेट्रोल और डीज़ल पर केंद्र सरकार एक्साइज ड्यूटी लगाती है और राज्य सरकारें वैट (VAT)।
यह दोनों के लिए सबसे बड़ा और आसान टैक्स कलेक्शन का जरिया है।
अगर इन्हें GST में डाल दिया जाए, तो केंद्र और राज्य का सीधा-सीधा हजारों करोड़ का नुकसान हो जाएगा।
2. GST स्लैब की सीमा
अभी GST में अधिकतम स्लैब 28% है।
लेकिन पेट्रोल-डीज़ल पर मिलकर केंद्र और राज्य 50% से भी ज्यादा टैक्स वसूलते हैं।
यानी GST में डालते ही दाम अपने-आप कम हो जाएंगे, जिससे सरकारों की कमाई घटेगी।
3. राज्यों की आपत्ति
हर राज्य चाहता है कि उसे पेट्रोल-डीज़ल से "फिक्स और तगड़ी कमाई" होती रहे।
अगर GST में आ गया, तो राज्यों को मिलने वाला पैसा "GST काउंसिल" पर निर्भर हो जाएगा।
इसलिए राज्य सरकारें (भले वह BJP की हों या कांग्रेस/अन्य) अभी सहमत नहीं हैं।
👉 नतीजा यह है कि सरकारें जनता को राहत देने की बजाय अपने खजाने को ज्यादा अहमियत देती हैं।
आप सही कह रहे हैं कि अगर पेट्रोल-डीज़ल को लग्ज़री आइटम के GST स्लैब (28% + सेस) में भी रखा जाए, तो दाम आज से काफी कम हो जाएंगे।
इसीलिए जनता बार-बार यह सवाल उठाती है कि पेट्रोल-डीज़ल को GST में क्यों नहीं लाया जा रहा।
इम्तियाज खान
Aima media