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मां की महिमा और राष्ट्रभक्ति से सजी कविताएँ,नवदुर्गा माता मंदिर में कवि सम्मेलन संपन्न हुआ

कोटा/कल नवदुर्गा माता मंदिर प्रागंण पर कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ जिसका मंच संचालन कवि रूपनारायण'संजय द्वारा किया गया, इस कवि सम्मेलन शुरुआत कवि सुरेश पण्डित की सरस्वती वंदना से हुआ, राजस्थानी गीतकार सुमंत सरस ने इक बंजारण शिकार करगी.... वाला गीत पढ़कर श्रोताओं की तालियां बटोरी, कवयित्री मधुरिमा पाठक ने महाराणा प्रताप के शौर्य का यशोगान कर राष्ट्र भक्ति की अलग जगाई, कवि नहुष व्यास ने माँ के विषय संवेदनशील गीत पढ़ सबको अश्रुपूरित किया, कवि मुरलीधर गौड़ ने 'मांड बेटी मांड, या छ आडी लकीर गीत ने कवि सम्मेलन को ऊंचाइयां दी और श्रोताओं की दाद बटोरी, कवि बंटी सुमन ने समाज की अव्यवस्था पर व्यंग्य कविता सुनाई, कवि शिव लहरी द्वारा प्रभु राम पर कविता पढ़कर वातावरण को भक्ति मय बनाया गया, और कवि सम्मेलन के शिखर कलश प्रेम शास्त्री ने 'आपण वंदे मातरम गांवा, साचा बेटा बण दिखलावा' जैसी कविता पढ़कर तालियों की गड़गड़ाहट उत्पन्न की,
इस अवसर पर महिला कांग्रेस की जिलाध्यक्ष व पार्षद शालिनी गौतम ,समाजसेवी मोहित गौतम और मंदिर समिति कार्यकर्ता कैलाश चंद, दीपक, सुनील, अभय सक्सेना, पानाचंद मालव, भैरू लाल खण्डेलवाल, विक्की, राकेश अरोड़ा आदि उपस्थित रहें।

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