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जिस तकनीक से अपनी धर्म पत्नी का लोन माफ करवाया, वैसे ही ग़रीब, बेसहारा और विकलांगों क़े लोन भी माफ करवाएं विधायक सुरेश कुमार


पूर्व बिधायक कमलेश कुमारी ने कांग्रेस पार्टी क़े बिधायक सुरेश कुमार की पत्नी क़े पैट्रोल पम्प क़े लोन की बन टाइम सैटलमेंट केस पर प्रश्न पूछते हुए कहा कि एक बिधायक की पत्नी जो सरकारी नौकरी से आठ लाख क़े लगभग वार्षिक बेतन प्राप्त करती है उस का 27 लाख लोन एक ही समय में कांग्रेस की सरकार बनते ही कैसे सैटल हो गया? बिधानसभा क्षेत्र में सैकड़ों परिवार ऐसे हैं जिन्होंने छोटे छोटे लोन लिए हैं, उनमें से कुछ लोगों की मृत्यु हो गई है और विधवा पत्नी बैंक की पाई पाई चुकाने क़े लिए विवस है। कुछ लोग अपंग भी हैं और आमदनी क़े सव साधन बंद हो गए हैं। कुछ परिवार गंभीर बीमारियों क़े कारण बुरी तरह टूट चुके हैं, उनको भी लोन में कोई छूट नहीं मिलती।ऐसा लगता है कि बिधायक की पत्नी को लाभ देने क़े लिए बैंक ने सारे नियम ताक पर रख दिए। प्रदेश में गरीब जनता क़े बोट ले कर कांग्रेस पार्टी क़े नेता अपने घर भरने का काम कर रहे हैं।कांग्रेस पार्टी गरीवी की जनक है। आपदा प्रभाबित निर्धन परिवार जिनके घर गिर गए, कुछ भी शेष न बचा उनके पुनर्वास की भी कोई स्थाई कोसिस सरकार की तरफ से नहीं हो पा रही है। कमलेश कुमारी ने प्रवर्तन निदेशालय से मांग उठाई है कि विभाग प्रदेश के अन्य आपराधिक नेताओं के साथ भोरंज के बिधायक सुरेश कुमार के परिवार की संपत्ति और बैंक में लोन की बन टाइम सैटलमेंट की निष्पक्ष जाँच हो।उन्होंने कहा कि सरकार के मुखिया
प्रदेश क़ी जनता को न्याय प्रदान करने में पिछड़ गए हैं। कांग्रेस पार्टी आम आदमी क़ी पार्टी न रह कर अब कुछ नेताओं क़ी पार्टी वन कर रह गयी है।

कमलेश कुमारी
पूर्व बिधायक भोरंज

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