logo

क्या CBSE 2026 का टाइमटेबल छात्रों के लिए चुनौती बन सकता है?

हाल ही में CBSE ने कक्षा 10वीं और 12वीं की 2026 बोर्ड परीक्षा की अस्थायी डेटशीट जारी की है। इसे देखकर मेरे मन में कुछ बातें आईं, जिन्हें साझा करना ज़रूरी समझता हूँ।

सबसे बड़ी चिंता यह है कि बच्चों के अनुसार महत्वपूर्ण विषयों की परीक्षाएँ लगातार रखी गई हैं। कठिन विषयों जैसे विज्ञान (10वीं) या फिजिक्स (12वीं) के ठीक पहले भाषा या अन्य पेपर होना छात्रों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। मेरा मानना है कि ऐसे विषयों के बीच कम से कम 2–3 दिन का अंतराल होना चाहिए, ताकि बच्चे अपनी तैयारी को मजबूत कर सकें और तनाव कम महसूस करें।

यह भी देखा गया कि सोशल साइंस और इकॉनॉमिक्स जैसे पेपर भी भाषा विषयों के तुरंत बाद रखे गए हैं। यह व्यवस्था छात्रों के आत्मविश्वास और प्रदर्शन दोनों को प्रभावित कर सकती है।

जारी किए शेड्यूल के अनुसार परीक्षा देना अपने आप में एक बड़ा दबाव है, और ऐसे में शेड्यूल का संतुलित होना बेहद ज़रूरी है।

मेरी राय में CBSE को अंतिम डेटशीट जारी करने से पहले इन आपत्तियों पर विचार करना चाहिए। थोड़े-से बदलाव से बच्चों को बेहतर तैयारी का मौका मिलेगा और वे तनाव-मुक्त रहकर अपनी मेहनत का सही परिणाम ला पाएँगे।


---
यह मेरे व्यक्तिगत विचार हैं, और इनका उद्देश्य केवल छात्रों के हित को ध्यान में रखकर चर्चा करना है।

32
107 views