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स्मार्ट मीटर का खेल बेनकाब: उपभोक्ताओं की जेब पर डाका, सरकार से रोक लगाने की मांग

संवाददाता, हर्दोई:
स्मार्ट मीटर को लेकर उपभोक्ताओं की परेशानियाँ गंभीर रूप लेती जा रही हैं। दैनिक जागरण की ताज़ा पड़ताल में यह सामने आया है कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर कई मामलों में वास्तविक खपत से कहीं अधिक यूनिट दर्ज कर रहे हैं, जिससे उपभोक्ताओं पर भारी बिल थोपे जा रहे हैं।

हर्दोई के अंकुर गुप्ता की शिकायत इस बात का सीधा उदाहरण है। चेक मीटर में उनकी असल खपत 85 यूनिट दर्ज थी, जबकि घर के स्मार्ट प्रीपेड मीटर ने 462 यूनिट रेकॉर्ड कर दिए — यानी 377 यूनिट का असामान्य अंतर। परिणामस्वरूप उन्हें असामान्य रूप से बढ़ा हुआ बिल दिया गया, जिसके बाद उपभोक्ता और सामाजिक संगठनों में आक्रोश फैल गया है।

इसी तरह दूसरे जिलों से भी उपभोक्ताओं ने मिलती-जुलती शिकायतें दर्ज करवाई हैं — बक्सरपुरवा के दिलीप कुमार शुक्ला ने भी मीटर तेज़ चलने की बात कही है। उपभोक्ताओं का आरोप है कि कई बार मीटर बिना उपयोग के भी बैलेंस काट लेता है और बिजली कंपनियां रीडिंग-मिलान रिपोर्ट देने से बच रही हैं।

उपभोक्ता सक्रिय समूहों का कहना है कि स्मार्ट मीटर की तैनाती में पारदर्शिता का अभाव है और यह योजना छोटे-मझोले उपभोक्ताओं के बजाय किसी निजी हितधारी को आर्थिक लाभ पहुंचा रही है। विभागीय प्राथमिक जांचों में भी मीटर रीडिंग और चेक मीटर के बीच मेल नहीं आ रहा है — जो तकनीकी और प्रशासनिक गंभीर सवाल खड़े करता है।

अत: नागरिक संगठनों और प्रभावित उपभोक्ताओं की मांग है कि केंद्र एवं राज्य सरकारें तत्काल:

देशव्यापी स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया पर रोक लगाएँ;

जहाँ समस्या स्पष्ट है वहां सामान्य (एनालॉग/चेक) मीटर लागू किए जाएँ;

पवन-शक्य फोरेंसिक और तृतीय-पक्ष जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए;

बिजली वितरण कंपनियों से रीडिंग-मिलान रिपोर्ट सार्वजनिक करवायी जाएं ताकि पारदर्शिता बनी रहे।


यह मामला केवल तकनीकी विवाद नहीं रह गया — यह भरोसे का प्रश्न बन चुका है। उपभोक्ता चाहते हैं कि बिजली विभाग जनता की सुरक्षा व हित को सर्वोपरि रखे न कि किसी निजी लाभ के लिए जनता को जोखिम में डाले।


🙏 सरकार से अपील

उपभोक्ताओं और सामाजिक संगठनों की मांग है कि –

पूरे देश में स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगे।

सामान्य (एनालॉग) मीटर ही जारी रहें।

बिजली विभाग जनता के हित में पारदर्शी व्यवस्था लागू करे।



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जनता की आवाज़

अब हर गली–मोहल्ले में यही आवाज़ गूंज रही है –

“स्मार्ट मीटर बंद करो – सामान्य मीटर लागू करो।”


✍️ डॉ. मनीष कुमार श्रीवास्तव
📞 समाचार/विज्ञापन हेतु संपर्क: 86045 32647, पालघर, महाराष्ट्र

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