झूठ हमेशा खूबसूरती से बोलते हैं लोग
झूठ हमेशा खूबसूरती से बोलते हैं लोग,चेहरे पर मुस्कान, दिल में धुआँ रखते हैं लोग।सच की तो आदत किसी को रही नहीं अब,मीठे लफ़्ज़ों में ज़हर घोलते हैं लोग।आईनों में भी अब चेहरा पहचान नहीं आता,हर नक़ाब के नीचे कोई नया रंग होता है।सच बोले तो तन्हा रह जाते हैं यहाँ,झूठ बोलो तो महफ़िल सजाते हैं लोग।पहले लोग बाहर वालो से झूठ बोलते थेतौबा अब तो घर के रिश्तों में बोलते ह