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पूर्व सपा विधायक इरफ़ान सोलंकी की जमानत हुई मंजूर,24 महीने बाद जेल से होंगे रिहा*

कानपुर आगजनी के मामले में सजा काट रहे सीसामऊ विधानसभा के पूर्व विधायक इरफ़ान सोलंकी की हाइकोर्ट से जमानत मंजूर हो गई है, पूर्व में जाजमऊ की डिफेंस कॉलोनी की रहने वाली नजीर फातिमा ने घर में आगजनी के मामले में जाजमऊ थाने में उस समय मौजूद सपा विधायक इरफान सोलंकी, उसके भाई रिजवान सोलंकी समेत अन्य कई लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसके बाद इरफान पर एक के बाद एक कई मुकदमे दर्ज हुए थे। इसी दौरान जाजमऊ थाने में गैंगस्टर एक्ट का भी मुकदमा दर्ज हुआ था। एक-एक कर लगभग सभी मुकदमों में इरफान और रिजवान को जमानत मिल चुकी थी, लेकिन गैंगस्टर एक्ट में जमानत नहीं मिली थी। सपा विधायक अमिताभ बाजपेई के अनुसार आगजनी के मामले में पूर्व विधायक इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान सोलंकी समेत अन्य तीन लोगों को गुरुवार को हाईकोर्ट से गैंगस्टर के मुकदमे में जमानत मिल गई है। कोर्ट में सुनवाई के बाद अब इरफान, रिजवान और इसराइल आटे वाला की जेल से रिहाई का रास्ता भी लगभग अब साफ हो गया है। वहीं इसी मामले में 2 सितंबर को न्यायमूर्ति समीर जैन की अदालत ने निर्णय सुरक्षित किया था, महाराजपुर जेल में बंद सपा के पूर्व विधायक इरफ़ान सोलंकी कानपुर कोर्ट पेशी पर 17 सितंबर को आए थे। जहां इरफ़ान सोलंकी ने कहा था कि मुझे कोर्ट पर पूरा भरोसा है न्याय ज़रूर मिलेगा। कोर्ट के फैसले के बाद इरफ़ान सोलंकी के परिवार वालों में खुशी की लहर दौड़ गई। बीते 2 सितम्बर को इरफ़ान सोलंकी व अन्य के खिलाफ हाइकोर्ट में याचिकाओ पर एक साथ सुनवाई हुई थी। राज्य सरकार की तरफ से अधिवक्ता मनीष गोयल और अपर शासकीय अधिवक्ता ने ज़मानत का विरोध किया था, इसी मामले में इरफ़ान सोलंकी के अधिवक्ता इमरान उल्लाह ने अपना पक्ष रखा था। वहीं इरफ़ान सोलंकी की पत्नी मौजूदा समय में सपा से सीसामऊ विधानसभा की विधायिका नसीम सोलंकी ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि तीन साल के संघर्ष के बाद आगजनी के मामले में हाइकोर्ट से इंसाफ मिल गया है। करीब पौने तीन साल के संघर्ष का आज समय पूरा हो गया है। वहीं इसी मामले में जमानत पर रिहा चल रहे बाकी आरोपी शौकत अली, मो. शरीफ, अज्जन उर्फ एजाज और मुर्सलीन खान उर्फ भोलू भी कोर्ट पहुंचे थे और कोर्ट ने आरोप तय कर दिया था। इसके बाद से ही हाईकोर्ट में अगली सुनवाई पर आरोपियों को जमानत मिल जाने की संभावना प्रबल हो गई थी। हाईकोर्ट में जमानत पर सुनवाई पूरी हो चुकी थी। कोर्ट ने आदेश को रिजर्व कर रखा था। गुरुवार को सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने तीनों की जमानत मंजूर कर ली।दो सितंबर को हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर से यही तर्क रखा गया था कि गैंगस्टर के मुकदमे में आरोपी चार्ज नहीं बनने दे रहे। बेवजह के प्रार्थना पत्र देकर मुकदमे को लंबित कर रहे हैं। मुकदमे की सुनवाई नहीं शुरू हो पा रही है। इसके बाद ही महाराजगंज जेल में बंद इरफान सोलंकी, कानपुर जेल में बंद रिजवान सोलंकी और इसराइल आटे वाला की 17 सितंबर को एमपीएमएलए सेशन कोर्ट में पेशी हुई थी।

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