
प्रशासनिक सुस्ती और सफाई कर्मियों की नदारदी के चलते भक्तों को श्रद्धा के साथ-साथ गंदगी का सामना करना पड़ रहा है।
रायबरेली –
नवरात्रि जैसे पावन पर्व पर जहां एक ओर आस्था और श्रद्धा का सागर उमड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर मंदिरों में साफ-सफाई की बदहाल व्यवस्था ने श्रद्धालुओं की भावनाओं को आहत कर दिया है।
भीतरगाँव क्षेत्र के प्रमुख मंदिरों में गंदगी का अम्बार देखने को मिल रहा है। प्रसाद के पत्तल, प्लास्टिक बोतलें, कूड़ा-कचरा मंदिर प्रांगण और आसपास की गलियों में बिखरा पड़ा है। श्रद्धालु माता रानी के दरबार में दर्शन करने तो आते हैं लेकिन गंदगी और बदबू के कारण परेशान होकर लौटते दिखाई देते हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि नवरात्रि के दौरान सैकड़ो की संख्या में श्रद्धालु मंदिरों में आते हैं। इसके बावजूद सफाई कर्मियों की पूरी तरह से नदारदी बनी हुई है। ना तो नियमित सफाई हो रही है और ना ही प्रशासन की तरफ से कोई ध्यान दिया जा रहा है।
गाँववासियों और श्रद्धालुओं ने जिला प्रशासन और नगर पंचायत से गुहार लगाई है कि नवरात्रि जैसे विशेष अवसर पर तत्काल सफाई व्यवस्था सुधारी जाए, ताकि लोग निर्बाध रूप से पूजा-अर्चना कर सकें।
ग्रामीणों ने यह भी सवाल उठाया है कि जब सरकार स्वच्छ भारत अभियान पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, तो फिर त्योहारों पर मंदिर परिसरों को स्वच्छ रखने में इतनी लापरवाही क्यों बरती जा रही है।
👉 प्रशासनिक सुस्ती और सफाई कर्मियों की नदारदी के चलते भक्तों को श्रद्धा के साथ-साथ गंदगी का सामना करना पड़ रहा है।