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कटंगी में मुख्यमंत्री के दौरे से पहले सियासी बवाल! जब-जब सरकार डरती है, पुलिस को आगे करती है…

कटंगी/बालाघाट।
मुख्यमंत्री मोहन यादव के कटंगी आगमन से पहले ही राजनीतिक पारा आसमान पर चढ़ गया।
एक तरफ किसान गर्जना संगठन के जिला अध्यक्ष रामकुमार नगपुरे अपने साथियों संग किसानों की मांगों को लेकर मुख्यमंत्री को काला झंडा दिखाने की तैयारी कर रहे थे, तो दूसरी ओर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भी विरोध दर्ज कराने का ऐलान किया था।

लेकिन हुआ क्या?
सरकार ने पहले से ही पुलिस को मोर्चे पर उतार दिया और सुबह 10 बजे कांग्रेस कार्यकर्ताओं सहित किसान गर्जना संगठन के कई साथियों को गिरफ्तार कर लिया गया।

किसानों का सवाल –

“किसानों की बात करने वालों को जेल और झूठे वादे करने वालों को मंच… यही है भाजपा का न्याय?”

कांग्रेस का तंज़ –

“भाजपा सरकार को विरोध नहीं, केवल अंधभक्त पसंद हैं।”
लोगों का कहना है कि यह पहला मौका नहीं है जब विरोध की आवाज़ दबाने के लिए पुलिस को हथियार बनाया गया हो।
कटंगी विधानसभा में सुबह से ही पुलिसिया नाकेबंदी रही और राजा लिलहारे समेत कई कांग्रेस नेताओं को घर से उठाकर थाने बैठा दिया गया।
जनता का गुस्सा –
ग्रामीणों ने कहा कि मुख्यमंत्री जी किसानों से आंख मिलाकर जवाब देने की बजाय गिरफ्तारी की आड़ में जनता की आवाज़ दबा रहे हैं।
“जो सवाल करता है, उसे सलाखों में भेज दिया जाता है… और जो चुप रहता है, उसे मंच पर बैठा दिया जाता है।”

कटंगी की फिज़ाओं में आज यही गूंज सुनाई दी –
“भ्रष्टाचार और वादाखिलाफी के खिलाफ जब जनता खड़ी होती है, तो सत्ता पुलिस की ढाल बना लेती है।

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