मध्यप्रदेश मे स्वास्थ्य विभाग फेल... जनता बेहाल 😳
मंनगवा का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रात्रि में चपरासी के भरोसेस्वास्थ्य केंद्र मंनगवा में सुविधाओं का अभाव मरीज परेशान➖➖➖ना डॉक्टर, ना दवाई➖➖➖मंनगवा रीवास्वास्थ्य विभाग की विकास की डगर की असलियत देखनी हो तो मनगवा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का भ्रमण करिए पता चल जाएगा कि जो अस्पताल कभी सिविल अस्पताल हुआ करता था उसे स्वास्थ्य महकमा को क्यों प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बदलना पड़ा जिले के मातहत अफसर की अनदेखी का शिकार हुए इस स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति दयनीय है 30 बिस्तरों का हॉस्पिटल कचरे के ढेर पर है ना डॉक्टर हैं न हीं जांचों की सुविधा सारी व्यवस्था आधिकारिक खाना पूर्ति बन चुकी है मालूम हो कि स्थानीय नगर पंचायत मंनगवा में आज का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कभी सिविल अस्पताल हुआ करता था यह बात वर्ष 2001 की है लेकिन जैसे-जैसे समय बिता वैसे-वैसे यहां की व्यवस्थाओं से जिले के स्वास्थ्य अधिकारियों ने ध्यान खींच लिया एक वक्त ऐसा भी आया कि यहां पर डॉक्टर ही नहीं पदस्थ थे उस समय स्वास्थ्य महकमा को अस्पताल को बनाए रखने के लिए इसकी व्यवस्था को ही बदलने का फैसला कर लिया और देखते ही देखते मंनगवा का सिविल अस्पताल का बोर्ड हटाकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बना दिया गया सबसे मजे की बात तो यह है कि यह कार्य बड़े ही आसान तरीके से कर डाला अपने को दिग्गज कहने वाले नेता इस कर पर आवाज उठाने की वजह खामोशी से देखते रहे लेकिन अस्पताल कचरे के डेर में तब्दील है ना तो पर्याप्त डॉक्टर हैं ना ही अन्य स्टाफ।रात्रि के समय चपरासी के भरोसे रहता है अस्पताल➖➖➖मनगवां:- नगर से दो राष्ट्रीय राजमार्ग हैं जहां प्रति घंटे सैकड़ों वाहनों का आवा-गवन रहता है प्रतिदिन हाईवे पर दुर्घटनाएं होती हैं और त्वरित व्यवस्थाओं में ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ती है लेकिन अस्पताल में ऑक्सीजन क्या यहां तो डॉक्टर ही नदारत रहते हैं जबकि हाईवे को देखते हुए मनगवां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को ट्रामा सेंटर बनाना चाहिए लेकिन प्रशासनिक उदासीनता का शिकार हैlजबकि शासन स्तर से तीन डॉक्टरों की नियुक्ति की गई है फिर भी तीनों डॉक्टर मुख्यालय से आवागमन करते हैं हेड क्वार्टर में रहने के लिए सरकार ने निर्देश दिया है फिर भी डॉक्टर नहीं रहतेl