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मदरसा शिक्षक अपनी मांगों के समर्थन में भुख हड़ताल, सातवें दिन भी जारी

पटना 23-09-25। अनुदानित मदरसों की सभी मांगों को पूरा कराने के लिए हजारों शिक्षक शांतिपूर्ण और संगठित तरीके से पटना के गर्नी बाग में एकत्रित हो कर सातवें दिन भी जमे हुए हैं। कभी तपती धूप कभी बरसात और अन्य बाधाओं के बावजूद, शिक्षकों ने अपना दृढ़ संकल्प और साहस बनाए रखा है, जो इस बात का प्रमाण है कि यह संघर्ष केवल अस्थायी नहीं, बल्कि शिक्षकों के सिद्धांत और हित का संघर्ष है। शिक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर मंगलवार से भूख हड़ताल शुरू कर दी है। शिक्षकों के तेवरों को देखते हुए, सत्ताधारी दल के मुस्लिम नेता अभी भी धरना स्थल पर आने से हिचकिचा रहे हैं। पटना के गर्दनी बाग में शिक्षकों की भारी संख्या में उपस्थिति सरकार को सोचने पर मजबूर कर रही है।
इस अवसर पर बोलते हुए, एमडीओ के अभिभावक अब्दुल कुद्दूस ने कहा कि हमारा धरना शांतिपूर्ण है और इसका उद्देश्य शिक्षकों के अधिकारों को हल करना है। आज से, शिक्षक अपनी मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर हैं। देखते हैं अल्पसंख्यकों के कल्याण की दुहाई देने वाली सरकार कब जागती है। एमडीओ के महासचिव सैयद फतह अहमद उर्फ महताब आलम ने अपने जोशीले लहजे में कहा कि
सरकार को गंभीरता और ईमानदारी से बातचीत का रास्ता अपनाना चाहिए। अगर सरकार ऐसा नहीं करती है, तो हम भी गर्दनी बाग से हटने वाले नहीं हैं। हम अपने अधिकारों के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।
एमडीओ के प्रदेश प्रवक्ता मो मनाजेरुल इस्लाम ने कहा कि हमारी माँगें वही हैं जो सरकार अपने हर कार्यक्रम में कहती है कि उसने मदरसा शिक्षकों को स्कूली शिक्षकों के बराबर कर दिया है, जबकि ऐसा नहीं है। सरकार मदरसा शिक्षकों को गुमराह कर रही है। हमें वेतन वृद्धि नहीं मिल रही है। हमें अपना मौलिक अधिकार पूरा करना चाहिए।
एमडीओ के संयोजक मो शफी अंसारी ने कहा कि बेशक हम अपनी जायज़ माँगों के लिए संघर्ष कर रहे हैं और हमें अल्लाह से पूरी उम्मीद है कि हम कामयाब हो कर ही घर लौटेंगे। धरना प्रदर्शन में शिक्षकों की उपस्थिति हमारे साहस और उत्साह को बढ़ा रही है।
राशिद जमाल ने कहा कि हमारी माँगें संवैधानिक, कानूनी और तरक्की के लिए हैं, जिन्हें नज़र अंदाज़ नहीं किया जा सकता।
सभी शिक्षकों ने एकजुटता का प्रदर्शन करते हुए एक स्वर में घोषणा की कि शिक्षकों की माँगें माने जाने तक यह धरना जारी रहेगा। कोई भी बाधा हमारे सामने ज़्यादा देर तक नहीं टिक सकती।
मदरसा शिक्षकों की यह है मांग निमावली 2022 में संशोधन कर सभी मदरसों को अल्पसंख्यक का दर्जा दिया जाए ,नियमित हुफ़ाज़ों को नियमित मौलवियों के समान वेतन दिया जाए , संकल्प संख्या 970-31/08/2013 से हाफिज शिक्षकों के वेतन को सुधार करते हुए 9300 का स्केल दिया जाए
सभी कोटि के शिक्षकों को वार्षिक वेतन वृद्धि, चिकित्सा,आवास भत्ता का लाभ दिया जाए, साथ ही नियमित शिक्षकों को ईपीएफ का लाभ दिया जाए ,1637 और 339+2 मदरसों को अनुदान दी जाए , विज्ञान शिक्षकों, लिपिकों और चपरासियों का वेतन सम्मानजनक किया जाए
बड़ी संख्या में ज़िम्मेदार और शिक्षक लगातार उपस्थित होकर मौके पर अपना कुर्बानी दे रहे हैं।
भूख हड़ताल पर बैठने वालों शिक्षकों में शमशुल हुदा, मो अली,अब्दुस्सलाम, अब्दुल्ल अहसान, मुनतखब आलम,शाह आलम, शाहिद अंजुम,मसूद आलम। इस मौके पर मो अजमल, मौलाना मो जाहिद हुसैन, मो जलालुद्दीन कुरैशी उर्फ नेहाल, साइंस शिक्षक मो मजहर अली राजा,इम्तियाज अली, आमिर सोहैल, रेजाउर रहमान, मो अरमान अली, प्राचार्य अली मुर्जुजा नदवी , डॉ अबू नसर, तालिब जिया, मो तालिब हुसैन आजाद अवसर पर हजारों शिक्षक मौजूद थे।

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