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अयोध्या मस्जिद निर्माण योजना खारिज — NOC की कमी बनी बड़ी वजह, RTI से खुलासा

📰 अयोध्या मस्जिद निर्माण योजना खारिज — NOC की कमी बनी बड़ी वजह, RTI से खुलासा

अयोध्या: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अयोध्या के धन्नीपुर गांव में प्रस्तावित मस्जिद निर्माण को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। आयोध्या विकास प्राधिकरण (ADA) ने मस्जिद के लिए भेजी गई निर्माण योजना को खारिज कर दिया है। कारण बताया गया है कि विभिन्न विभागों से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) नहीं मिले। यह खुलासा एक आरटीआई (RTI) आवेदन के जवाब में हुआ है।


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📌 मामला क्या है?

9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि–बाबरी मस्जिद विवाद पर फैसला सुनाते हुए सुन्नी सेंट्रल वक़्फ बोर्ड को 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया था। इसी फैसले के तहत 3 अगस्त 2020 को अयोध्या के सोहावल तहसील के धन्नीपुर गांव में यह जमीन हस्तांतरित की गई।

इस ज़मीन पर इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (IICF) ने मस्जिद और अस्पताल सहित अन्य सुविधाओं के निर्माण का प्रस्ताव रखा। इसके लिए ट्रस्ट ने 23 जून 2021 को ADA में लेआउट प्लान मंज़ूरी के लिए आवेदन किया और लगभग ₹4 लाख शुल्क भी जमा कराया।

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❌ क्यों खारिज हुआ आवेदन?

ADA ने आवेदन की जांच करते हुए विभिन्न विभागों से NOC मांगे। इनमें PWD, Pollution Control, Civil Aviation, Irrigation, Revenue Department, Municipal Corporation, District Magistrate और Fire Service शामिल थे।

Fire Department की बड़ी आपत्ति: विभाग ने निरीक्षण में पाया कि मस्जिद और अस्पताल की प्रस्तावित इमारतों की ऊँचाई को देखते हुए वहां पहुँचने वाली सड़कें पर्याप्त चौड़ी नहीं हैं। नियमों के मुताबिक कम से कम 12 मीटर चौड़ी सड़क की ज़रूरत है, लेकिन मौजूदा रास्ते अधिकतर 6 मीटर से भी कम हैं, जबकि मुख्य मार्ग केवल 4 मीटर का है।

कई अन्य विभागों से भी NOC नहीं मिली, जिसके चलते ADA ने योजना को खारिज कर दिया।

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🗣 ट्रस्ट की प्रतिक्रिया

इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के सचिव अथर हुसैन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत ज़मीन आवंटित की गई है। ऐसे में विभागों को NOC देना चाहिए था, लेकिन अब तक किसी भी विभाग की तरफ से स्पष्ट जवाब नहीं मिला है।
उन्होंने कहा — “हमें ADA या किसी विभाग से आधिकारिक तौर पर यह नहीं बताया गया कि योजना क्यों रोकी गई है। केवल फायर डिपार्टमेंट की रिपोर्ट में सड़क चौड़ाई को लेकर आपत्ति दर्ज की गई है। अब RTI से यह मामला सामने आया है।”
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🔎 RTI से खुलासा

यह जानकारी स्थानीय पत्रकार ओम प्रकाश सिंह ने 16 सितंबर 2025 को डाली गई RTI से प्राप्त की। ADA ने स्वीकार किया कि आवेदन खारिज किया गया है क्योंकि आवश्यक विभागों से NOC उपलब्ध नहीं हो सके।
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⚖️ आगे का रास्ता

ट्रस्ट अब विभागों से दोबारा संपर्क कर सकता है और तकनीकी खामियों (जैसे सड़क चौड़ाई) को दूर करने का प्रयास करेगा।

ज़रूरत पड़ने पर कानूनी रास्ता भी अपनाया जा सकता है ताकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुरूप निर्माण कार्य शुरू हो सके।

वहीं स्थानीय स्तर पर प्रशासनिक और तकनीकी अड़चनों को लेकर बहस तेज हो गई है।

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👉 यह मामला एक बार फिर अयोध्या में मस्जिद निर्माण को लेकर जारी खींचतान और चुनौतियों को सामने लाता है।

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